महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के संबंध में दो पत्र लिखे है। एक पत्र में उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा माने जिससे सरकार राज्य प्राकृतिक आपदा कोष (एसडीआरएफ) का उपयोग प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता देने में करे। वहीं दूसरे पत्र में मुख्यमंत्री ने दवा और अन्य संबंधित सामानों की मांग की है।
एक सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम का गठन केंद्रीय आपदा प्रबंधन कानून के हिस्से के तौर पर किया गया था, इसलिए महामारी प्रभावित लोगों की मदद के लिए एसडीआरएफ के उपयोग को लेकर राज्य को केंद्र सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र को बुधवार को यह पत्र मंजूरी के लिए लिखा था।
फिलहाल बाढ़, आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं, भारी बारिश के जहां जान-माल का नुकसान हुआ हो, प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आते हैं और प्रभावित लोगों को आर्थिक मुआवजा उपलब्ध कराया जाता है। अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री ऐसे ही उद्देश्यों के लिए एसडीआरएफ का इस्तेमाल करना चाहते हैं क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रदेश में हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। हमें इसके लिए कानूनी प्रावधान की जरूरत है, इसलिये प्रदेश सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है।”
दूसरे पत्र में मुख्यमंत्री ठाकरे ने मेडिकल ऑक्सीजन और रेमेडिसविर की सुचारू आपूर्ति की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा इस बार कोरोना की लहर काफी खतरनाक है, ऐसे में जनता को राहत देने के लिए केंद्र और महाराष्ट्र दोनों सरकारों को मिलकर कई कदम उठाने होंगे।
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि बुधवार को महाराष्ट्र में कोविड-19 के 58952 नए मामले सामने आए हैं जिससे संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 35,78,160 पहुंच गई जबकि 278 और मरीजों के महामारी से जान गंवाने के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 58,804 हो गया है।