शिवसेना ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को महाराष्ट्र विधान परिषद (Maharashtra Legislative Council) के आगामी द्विवार्षिक चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। यह चुनाव नौ सीटों के लिए होना है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पार्टी ने नीलम गोरे को भी उम्मीदवार बनाया है।
गोरे, विधान परिषद में वर्तमान में उपाध्यक्ष हैं। इस तरह उद्धव ठाकरे, ठाकरे वंश से चुनाव में उतरने वाले दूसरे सदस्य बन जाएंगे। हालांकि वह ऊपरी सदन से शामिल होंगे। इस चुनाव के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सदस्य निर्वाचक मंडल का काम करेंगे, यानी वोट देंगे। बीते अक्टूबर में उनके बेटे आदित्य ठाकरे वरली विधानसभा सीट से जीतने में सफल रहे थे। वह वर्तमान में वह राज्य सरकार में पर्यावरण व पर्यटन मंत्री हैं।
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में 28 नवंबर को शपथ ली। उन्होंने शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस के महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के प्रमुख के तौर पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उद्धव ठाकरे किसी भी विधानमंडल के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में कोविड-19 महामारी के दौरान संभावित संवैधानिक संकट के मद्देनजर उनका 27 मई तक निर्वाचित होना अनिवार्य है।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आग्रह पर भारतीय निर्वाचन आयोग ने चुनाव के लिए चार मई को अधिसूचना जारी कर दी और अगर मतदानन जरूरी हुआ तो यह 21 मई को होगा और पूरी चुनावी प्रक्रिया 26 मई तक पूरी हो जाएगी। विधान परिषद की नौ सीटें 24 अप्रैल को रिक्त हुईं। लेकिन निर्वाचन आयोग ने तीन अप्रैल को कोरोना महामारी के मद्देनजर सभी चुनावों को टाल दिया था। सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में नीलम गोरे, चंद्रकांत रघुवंशी, हेमंत टकले, किरन पावस्कर, आनंद ठाकुर, स्मिता वाघ, पृथ्वीराज देशमुख, अरुण अडसड, हरिसिंह राठौड़ शामिल हैं।