लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

शिवसेना के सवालों की जद में देशमुख, वाजे वसूली कर रहा था और गृहमंत्री को इस बारे में जानकारी नहीं होगी?

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे वसूली के आरोप को लेकर सवाल उठाए हैं।

एंटीलिया मामले और निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को महाराष्ट्र की सियासत में खलबली मची हुई है। अब तक बीजेपी के सवालों को लेकर विवादों में घिरे अनिल देशमुख अब शिवसेना की जद में आ गए हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे वसूली के आरोप को लेकर सवाल उठाए हैं।
शिवसेना ने सामना में कहा है कि अनिल देशमुख ने कुछ सीनियर अफसरों से बेवजह पंगा लिया। सामना के अपने साप्ताहिक कॉलम  ‘रोकठोक’ में शिवसेना नेता संजय राउत ने सवाल करते हुए लिखा कि विगत कुछ महीनों में जो कुछ हुआ उसके कारण महाराष्ट्र के चरित्र पर सवाल खड़े किए गए। वाझे नामक सहायक पुलिस निरीक्षक का इतना महत्व  कैसे बढ़ गया? यही जांच का विषय है। 
गृहमंत्री ने वाझे को 100 करोड़ रुपए वसूलने का टार्गेट दिया था, ऐसा आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह लगा रहे हैं। उन आरोपों का सामना करने के लिए प्रारंभ में कोई भी आगे नहीं आया! सरकार के पास ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोई योजना नहीं है, ये एक बार फिर नजर आया।
लेख में आगे लिखा गया ‘महाराष्ट्र के विपक्ष को ठाकरे सरकार को गिराने की जल्दबाजी लगी है इसलिए फटे हुए गुब्बारे में हवा भरने का काम वे कर रहे हैं। उनके आरोप प्रारंभ में जोरदार लगते हैं बाद में वे झूठ सिद्ध होते हैं। परंतु ऐसे आरोपों के कारण सरकार गिरने लगी तो केंद्र की मोदी सरकार को सबसे पहले जाना होगा। महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह क्या हुआ? 
मनसुख हिरेन व एंटालिया विस्फोटक मामले में राज्य सरकार ने मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह का तबादला कर दिया। परमबीर सिंह एक महत्वाकांक्षी अधिकारी हैं। होमगार्ड महासंचालक के पद पर की गई बदली वे सह नहीं सके। उनकी उस अवस्था में तेल डाला गृहमंत्री देशमुख ने। पुलिस आयुक्त ने गलतियां कीं इसलिए उन्हें जाना पड़ा, ऐसा एक बयान देशमुख द्वारा देते ही परमबीर सिंह ने 100 करोड़ की वसूली का टार्गेट गृहमंत्री ने  कैसे दिया था, ऐसा पत्र बम फोड़ दिया। फिर वह टार्गेट किसे दिया, तो मनसुख हिरेन नामक युवक की हत्या का आरोप जिस पर है, उस सचिन वाझे को। सचिन वाझे अब एक रहस्यमयी मामला बन गया है।
पुलिस आयुक्त, गृहमंत्री, मंत्रिमंडल के प्रमुख लोगों का दुलारा व विश्वासपात्र रहा वाझे महज एक सहायक पुलिस निरीक्षक था। उसे मुंबई पुलिस का असीमित अधिकार किसके आदेश पर दिया यह वास्तविक जांच का विषय है। मुंबई पुलिस आयुक्तालय में बैठकर वाजे वसूली कर रहा था और गृहमंत्री को इस बारे में जानकारी नहीं होगी?
सामना में आगे लिखा गया कि देशमुख ने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से बेवजह पंगा लिया। गृहमंत्री को कम-से-कम बोलना चाहिए। बेवजह कैमरे के सामने जाना और जांच का आदेश जारी करना अच्छा नहीं है। संदिग्ध व्यक्ति के घेरे में रहकर राज्य के गृहमंत्री पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति काम नहीं कर सकता है। पुलिस विभाग पहले ही बदनाम है। उस पर ऐसी बातों से संदेह बढ़ता है। पुलिस विभाग का नेतृत्व सिर्फ ‘सैल्यूट’ लेने के लिए नहीं होता है।
वह प्रखर नेतृत्व देने के लिए होता है। प्रखरता ईमानदारी से तैयार होती है, ये भूलने से कैसे चलेगा? परमबीर सिंह ने जब आरोप लगाया तब गृह विभाग और सरकार की धज्जियां उड़ी। परंतु महाराष्ट्र सरकार के बचाव में एक भी महत्वपूर्ण मंत्री तुरंत सामने नहीं आया। लोगों को परमबीर का आरोप प्रारंभ में सही लगा इसकी वजह सरकार के पास ‘डैमेज कंट्रोल’ के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

16 − 6 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।