महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब के घर और कार्यालयों पर गुरुवार तड़के ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापेमारी की। ईडी की टीमें एक साथ परब के सरकारी बंगले सहित मुंबई, रत्नागिरी, पुणे में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर पहुंचीं और तलाशी ली। यह कार्रवाई एजेंसी द्वारा परब के खिलाफ कथित धनशोधन मामले में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की गई है। बता दें कि, परब 'महा विकास अघाड़ी' सरकार के दूसरे मौजूदा मंत्री बने जो केंद्रीय जांच एजेंसियों के जांच के घेरे में आए हैं।
राज्य कैबिनेट के तीसरे मंत्री को जेल जाने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है : सौमेया
परिवहन मंत्री परब के घर और कार्यालयों पर छापेमारी के मामले में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि, महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत प्रदर्शन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के मद्देनजर उन्हें जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। सोमैया ने संवाददाताओं से कहा, अनिल देशमुख और नवाब मलिक के बाद अब राज्य कैबिनेट के तीसरे मंत्री अनिल परब को जेल जाने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है...। मुझे भरोसा है कि जांच एजेंसियां परब के खिलाफ केवल एक मामला नहीं, बल्कि सभी आरोपों को उजागर करेगी।
राज्य कैबिनेट के तीसरे मंत्री को जेल जाने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है : सौमेया
परिवहन मंत्री परब के घर और कार्यालयों पर छापेमारी के मामले में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि, महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत प्रदर्शन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के मद्देनजर उन्हें जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। सोमैया ने संवाददाताओं से कहा, अनिल देशमुख और नवाब मलिक के बाद अब राज्य कैबिनेट के तीसरे मंत्री अनिल परब को जेल जाने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है...। मुझे भरोसा है कि जांच एजेंसियां परब के खिलाफ केवल एक मामला नहीं, बल्कि सभी आरोपों को उजागर करेगी।

वर्ष 2017 में खरीदा था भूखंड
सोमैया ने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों से लगातार विभिन्न मुद्दों को उठा रहे हैं और परब के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं। बता दें कि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दापोली में 2017 में परब द्वारा एक करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर एक भूखंड की खरीद संबंधी आरोपों से जुड़ी है। इस भूखंड को 2019 में पंजीकृत किया गया था। एजेंसी कुछ अन्य आरोपों की भी जांच कर रही है। आरोप है कि इस भूखंड को बाद में मुंबई के केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1.10 करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर बेच दिया गया था। इस बीच, इसी जमीन पर 2017 से 2020 तक एक रिजॉर्ट बनाया गया।
सोमैया ने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों से लगातार विभिन्न मुद्दों को उठा रहे हैं और परब के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं। बता दें कि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दापोली में 2017 में परब द्वारा एक करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर एक भूखंड की खरीद संबंधी आरोपों से जुड़ी है। इस भूखंड को 2019 में पंजीकृत किया गया था। एजेंसी कुछ अन्य आरोपों की भी जांच कर रही है। आरोप है कि इस भूखंड को बाद में मुंबई के केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1.10 करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर बेच दिया गया था। इस बीच, इसी जमीन पर 2017 से 2020 तक एक रिजॉर्ट बनाया गया।
