महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर गठबंधन सहयोगी भाजपा के साथ जारी गतिरोध के बीच शिवसेना ने शुक्रवार को मांग की कि राज्य के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत दी जाए। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में उद्धव ठाकरे नीत दल ने कहा कि जिन किसानों की फसल खराब हुई है उन्हें बिना किसी शर्त के पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।
संपादकीय में कहा गया है, “राज्य के किसानों को नई सरकार का नहीं बल्कि तत्काल सहायता का इंतजार है।” इसमें कहा गया कि बीते वर्षों से किसान सूखे से परेशान थे, अब बारिश से परेशान है क्योंकि मानसून खत्म हुए एक पखवाड़ा हो गया है लेकिन पानी बरसना बंद ही नहीं हो रहा। बीते एक महीने से बारिश जारी रहने के कारण किसानों की सारी उपज खराब हो गई।
इसमें भाजपा पर निशाना साधा गया, “किसानों के साथ खड़े होने के बजाए सारे प्रयास सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाने पर केंद्रित हैं। जनादेश मिलने के बावजूद अब तक नई सरकार का गठन नहीं हुआ।” संपादकीय में हालांकि भाजपा का नाम नहीं लिया गया।
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इसमें कहा गया है कि बेमौसम बारिश से जिन किसानों की फसल बरबाद हुई है उनके लिए सहायता की मांग को लेकर शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। शिवसेना के नेता और वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। अखबार में लिखा है, “सत्ता की राजनीति की तुलना में शिवसेना किसानों को बचाने में ज्यादा विश्वास करती है।”
हाल में हुए विधानसभा चुनावों 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105 सीटें मिलीं जबकि शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी राज्य में ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री पद और 50:50 के अनुपात में मंत्रालयों का बंटवारा चाहती है। भाजपा ने ये दोनों ही मांगे खारिज कर दी हैं और उसका कहना है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस अगले पांच सालों तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे।