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महाराष्ट्र बाढ़ : चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

687 लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है जबकि रायगढ़ और सिंधुदुर्ग से क्रमश: 3,000 और 490 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

महाराष्ट्र में बाढ़ग्रस्त इलाकों से अब तक चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और सांगली तथा कोल्हापुर जिलों में बाढ़ का पानी कम होना शुरू हो गया है। जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है उनमें कोल्हापुर और सांगली के 3.78 लाख लोग भी शामिल हैं जहां शनिवार को हालात में थोड़े सुधार के संकेत मिले हैं क्योंकि वहां बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गया है। 
राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार समूचे राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 4,24,333 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ से राज्य में 69 ‘तालुकाओं’ में 761 गांव प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को सांगली में राहत एवं बचाव अभियानों की समीक्षा की और लोगों से बातचीत की। उन्होंने लोगों को हर तरह की मदद का आश्वासन भी दिया। 
बाद में संवाददाता सम्मेलन में फडणवीस ने इस मानसून के दौरान बारिश से उपजे बाढ़ के हालात को ‘‘अकल्पनीय’’ बताया। उन्होंने कहा कि 2005 में जितनी बारिश हुई थी उससे ‘‘दोगुनी’’ बारिश हुई है। 2005 में आयी बाढ़ में मुंबई के अधिकतर इलाकों समेत राज्य के कई हिस्से जलमग्न हो गये थे। 
उन्होंने कहा, ‘‘2005 में आयी बाढ़ के दौरान सांगली में उस वक्त एक महीने के दौरान 217 प्रतिशत बारिश हुई थी जबकि इस बार के मौसम में महज नौ दिन में 785 प्रतिशत बारिश हुई। कोल्हापुर में 2005 में 159 फीसदी बारिश हुई थी जबकि इस बार नौ दिनों में ही 480 फीसदी बारिश हुई है।’’ 
मुख्यमंत्री के अनुसार कोल्हापुर और सांगली जिलों से 3,78,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। फडणवीस ने कहा, ‘‘शुरुआती जानकारी के अनुसार 27,468 हेक्टेयर भूभाग में लगी फसल और 484 किलोमीटर सड़क बाढ़ से प्रभावित हुई है।’’ 
उन्होंने कहा कि जलस्तर कम होने के बाद प्राथमिकता जल आपूर्ति और विद्युत संपर्क को बहाल करना होगी। पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में शनिवार को बाढ़ से थोड़ी राहत मिलने के संकेत दिखे और जलमग्न इलाकों से पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। 
कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव देशमुख ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘स्थिति में थोड़ा सुधार है। पानी का स्तर धीरे-धीरे घट रहा है…। कोल्हापुर में इस वक्त पानी का स्तर 52 फुट है जबकि खतरे का निशान 47 फुट है। मौजूदा बाढ़ की स्थिति के दौरान जलस्तर सबसे अधिक 57 फुट था।’’ 
अधिकारियों ने बताया कि जिले में बारिश थम गयी है और स्थिति में अब सुधार होने की उम्मीद है। सांगली जिले में जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है। स्थानीय प्रशासन के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), महाराष्ट्र राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक की टीम राहत एवं बचाव अभियान में जुटी हैं। 
बयान के अनुसार बचाव अभियान में सहायता के लिये विशाखापत्तनम से नौसेना की अतिरिक्त 15 टीमें कोल्हापुर पहुंचेगी। बयान के अनुसार कोल्हापुर में एनडीआरएफ की 23 टीम, नौसेना की 26, तटरक्षक की नौ और एसडीआरएफ की एक टीम जबकि सांगली में तटरक्षक की दो, सेना की आठ और एसडीआरएफ की दो टीमें बचाव अभियान में जुटी हैं। 
बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत मुहैया कराने के लिये कोल्हापुर में 187 राहत शिविर जबकि सांगली में ऐसे 117 शिविर स्थापित किये गये हैं। सतारा में बाढ़ से 118 गांव प्रभावित हैं और वहां से 9,221 लोगों को निकाला गया है जबकि पुणे जिले में 108 गांवों से 13,500 लोगों को बचाया गया है। नासिक में पांच गांवों से 3,894 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 
ठाणे में 25 गांव बाढ़ की चपेट में हैं जहां से 13,104 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पास के पालघर जिले में 58 गांवों से 2,000 लोगों को बचाया गया है। रत्नागिरी जिले में 12 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, वहां से 687 लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है जबकि रायगढ़ और सिंधुदुर्ग से क्रमश: 3,000 और 490 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 
इस बीच बृहस्पतिवार को सांगली जिले की पालुस तहसील में ब्रह्मानल गांव के पास बाढ़ राहत अभियान के दौरान नौका पलटने की घटना में तीन और शव मिले हैं। घटना में नौ लोग डूब गये थे और कई अन्य लापता हो गये। अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने तीन और शव बरामद किये हैं। इनमें एक लड़की का शव भी शामिल है। इसके साथ ही घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गयी है।’’ 

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