नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर मदन शर्मा की शिवसैनिकों द्वारा पिटाई किये जाने के बाद से विवादों में घिरी महाराष्ट्र सरकार ने साल 2016 में रिटायर्ड सेना के जवान पर हुए हमले की जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, तत्कालीन बीजेपी विधायक उन्मेश पाटिल पर जवान के साथ मारपीट का आरोप लगा है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को इस मामले में आदेश देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘2016 में तत्कालीन बीजेपी विधायक और अभी के सांसद उन्मेश पाटिल और उनके लोगों ने पूर्व सैनिक सोनू महाजन पर हमला किया था। तत्कालीन बीजेपी सरकार ने महाजन को न्याय नहीं दिया। इस संबंध में मुझे मिले कई आवदन मिले हैं और पुलिस को जांच करने का आदेश दिया गया है।’
यह अपराध 2016 में हुआ था। लेकिन तब भाजपा की सरकार थी, इसलीये उन्मेष पाटिल के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 2019 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई। लेकिन आगे कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। (२/२)
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) September 15, 2020
दरअसल, कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान, चालीसगांव के बीजेपी सांसद उनमेश पाटिल के आदेश पर सेना के रिटायर्ड जवान सोनू महाजन को मारने की कोशिश की गई। तो बीजेपी सांसद को अब तक पुलिस ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया है।
वहीं बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार की इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बताया है। बीजेपी प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा, ‘वे किसी भी मामले को खोल सकते हैं और इसकी जांच करवा सकते हैं क्योंकि यह उनका अधिकार है। मगर 2016 की घटना के बाद ये लोग चुप क्यों थे? भंडारी ने आरोप लगाया कि समस्या यह है कि राज्य सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है और इसलिए अब प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त हो गई है।