शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई की आरंभिक जांच के लिए बंबई उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन करने के बाद महाराष्ट्र सरकार अपना पक्ष रखेगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के वसूली संबंधी आरोपों पर उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद सोमवार को गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
राउत ने संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र आघाड़ी सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन करेगी और फिर अपना पक्ष रखेगी। शिवसेना के सांसद ने कहा, ‘‘कोई भी जांच एजेंसी भगवान का अवतार नहीं है। मामला राजनीतिक है। हमारी परंपरा है कि हम न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करते हैं।’’
राउत ने कहा कि आदेश पर गहराई से अध्ययन करने की जरूरत है जिसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे या उनकी और से सरकार से कोई टिप्पणी करेंगे। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि यह ‘‘असाधारण’’ और ‘‘अभूतपूर्व’’ मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। पीठ ने 52 पन्ने के अपने फैसले में कहा कि देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों ने राज्य पुलिस में नागरिकों के भरोसे को दांव पर लगा दिया है।