महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बृहस्पतिवार को प्रदेश के मराठवाड़ा क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे की शुरूआत की और वह नांदेड़ गये जहां उन्होंने कहा कि क्षेत्र में जाना और नयी नयी चीजों की जानकारी लेना उनका स्वभाव है।
नांदेड़ स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वह इससे पहले घर से बाहर बहुत नहीं निकले। शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में मुख्य घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इससे पहले कोश्यारी पर प्रदेश में सत्ता का दो केंद्र बनाने का आरोप लगाते हुये उनकी आलोचना की थी।
राकांपा ने कहा कि राज्य का दौरा और जिला कलेक्टरों के साथ बैठक कर विभिन्न सरकारी काम काज के बारे में जानकारी लेकर राज्य सरकार के अधिकारों का अतिक्रमण कर रहे हैं। कोश्यारी ने कहा, ‘‘क्षेत्र में ….दौरे पर जाना और अलग अलग चीजें सीखना मेरी प्रकृति है।
अगर मैं कुछ सीखता हूं, तो मैं उसे दूसरों के साथ साझा करता हूं । लेकिन महामारी के कारण, मैं बाहर अधिक नहीं जा सका। नांदेड़ जाने की मेरी इच्छा थी। अगर मैं महाराष्ट्र का राज्यपाल नहीं होता तब भी मैं नांदेड़ जरूर जाता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना होगा और उसके कारण, मैं चाहता तो भी, यहां पहले नहीं आ सकता था … गुरु गोबिंद सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और अन्य स्वतंत्रता सेनानी मेरे लिये भगवान राम और भगवान कृष्ण से कम नहीं हैं।’’
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके कोश्यारी इस बात पर अफसोस जताया कि देश की आजादी के लिए काम करने वालों के योगदान को लोग नहीं जानते। उन्होने कहा, ‘‘हम आज आजादी का आनंद ले रहे हैं । लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग आज उनके योगदान को नहीं महसूस करते हैं।
यही कारण है कि मैं नांदेड़ आया हूं।’’ राज्यपाल नांदेड़ स्थित हुजूर साहिब गुरद्वारा भी गये। इस बीच राकांपा ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी कि प्रदेश के परभणी के जिला कलेक्टरेट में शुक्रवार को होने वाली राज्यपाल की समीक्षा बैठक रद्द नहीं की जाती है तो पार्टी कोश्यारी के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।