महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस जैसी वैश्विक माहमारी के कारण पूरे देश में लगे लॉकडाउन के दौरान 11 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को केंद्र सरकार की सहायता के बिना ही उनके पैतृक राज्यों में पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। साथ ही राज्य सरकार ने सभी प्रवासियों को रेल टिकट के अलावा खाने के पैकेट और अन्य जरूरी सामान भी मुहैया कराया।
गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि हालांकि केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने (श्रमिक विशेष ट्रेनों में महाराष्ट्र से मजदूरों की यात्रा के लिए टिकट पर) 85 प्रतिशत सब्सिडी देने का आश्वासन दिया था लेकिन राज्य सरकार ने इस सहायता का इंतजार किए बिना ही सभी मजदूरों को उनके घर भेज दिया।
गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कोविड-19 के हालात पर अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा कहा कि महाराष्ट्र के जो नागरिक सेहत संबंधी जटिल समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वे राज्य की ‘महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना’ के तहत निशुल्क चिकित्सा उपचार का लाभ उठा सकते हैं। राकांपा नेता ने कहा, ‘‘सरकार ने राज्य में कुछ अस्पतालों को चिह्नित किया है जहां नागरिक मुफ्त उपचार करा सकें।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग सेवा में लगे अपने कर्मियों का ध्यान रख रहा है।