महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के मामले सामने आ रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने ब्लैक फंगस के मामलों, जो मुख्यत: कोरोना मरीजों में पाया जा रहा हैं, उनका अलग से डाटा इकठ्ठा करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बताया कि फंगस के प्रसार के कारण का पता लगाने और इससे निपटने के लिए आंकड़ें इकठ्ठा किए जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि इस दुर्लभ लेकिन गंभीर फंगस संक्रमण से पड़ोस के ठाणे में हाल में कोविड-19 के दो मरीजों की मौत हो गई थी जबकि मुंबई और पुणे में ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक, म्यूकरमाइकोसिस सबसे ज्यादा उन कोविड-19 मरीजों में मिल रहा है जिन्हें डायबिटीज है। इसके लक्षणों में सिर दर्द, बुखार, आंखों के नीचे दर्द, नाक में कंजेशन और आंशिक तौर पर दिखना कम हो जाना शामिल है।
देश में बढ़ते ब्लैक फंगस के मामले, महाराष्ट्र और गुजरात के बाद बिहार में संक्रमित हुए 5 लोग
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को कहा कि राज्य में फिलहाल म्यूकरमाइकोसिस के करीब 2,000 मरीज हैं और ज्यादा से ज्यादा कोविड-19 के मामले सामने आने के बाद, “उनकी संख्या निश्चित तौर पर बढ़ेगी।” बीएमसी ने बुधवार को कहा कि करीब 111 मरीज,(सभी कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले), यहां के अस्पतालों में म्यूकरमाइकोसिस का इलाज करा रहे हैं।
राज्य स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ अर्चना पाटिल के मुताबिक, इससे पहले फंगस का कोई नियमित स्वास्थ्य प्रबंधन नहीं था, हालांकि यह कुछ हिस्सों में इसके मामले मिले थे। पाटिल ने बुधवार को कहा कि लेकिन महाराष्ट्र स्वास्थ्य अधिकारियों ने अब राज्य में ऐसे मामलों की विस्तृत रिपोर्ट बनाने का फैसला किया है और इसके संबंध में दिशा-निर्देश जल्द ही सभी जिलों को जारी कर दिए जाएंगे।
अधिकारी ने कहा, “एक बार ऐसे आंकड़ें संकलित कर लिए जाते हैं तो हमें फंगल संक्रमण के प्रसार के कारण और इसके इलाज के बारे में कुछ समझ आ जाएगा। हम इसके प्रसार के आधार पर कुछ दवाइयां आवंटन और जरूरी मार्गदर्शन उपलब्ध करा सकते हैं।” स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, राज्य में म्यूकरमाइकोसिस के मामले बढ़ रहे हैं, खासकर कोविड-19 मरीजों में। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे मरीजों का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है जिससे उनमें यह फंगल संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है।