मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के लव जिहाद पर सख्त कानून लेन के ऐलान पर महारष्ट्र के नेता असलम शेख ने कहा कि यह मामले वहीं आते है जहां की सरकारों की काम करने की कार्यशैली में कमी आई है। महाराष्ट्र सरकार अच्छे से काम कर रही है इसलिए हमें इस तरह की स्कीमें लाने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून लाने की तैयारियों को तेज कर दी है। दरअसल, पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनेगा। उन्होंने कहा कि इससे कोर्ट के आदेश का पालन भी होगा और बहन-बेटियों का सम्मान भी होगा।
जानिए क्या हैं लव जिहाद?
गैर कानूनी धर्मांतरण को लव जिहाद कहा जाता है और ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान किया जा सकता है। मध्य प्रदेश सरकार ने अपने प्रस्तावित बिल में 5 साल की सजा का प्रावधान किया है। देश के अन्य राज्य भी इस तरह का कानून बनाने की तैयारी कर रहे हैं। आमतौर पर लव जिहाद कहे जाने वाले मामलों में बहला-फुसलाकर, झूठ बोलकर या जबरदस्ती धर्मांतरण करा कर विवाह किए जाने की घटनाओं को शामिल किया जाता है। प्रस्तावित कानून सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू होगा।
लव जिहाद पर बोले गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘लव जिहाद’ को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था और कहा था कि यह शब्द उन्होंने देश को बांटने व सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए बनाया है। गहलोत ने इस बारे में ट्वीट में लिखा कि लव जिहाद शब्द भाजपा ने देश को बांटने व सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए बनाया है। शादी-विवाह व्यक्तिगत आजादी का मामला है जिस पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाना पूरी तरह से असंवैधानिक है और यह किसी भी अदालत में खड़ा नहीं रहे पाएगा। प्रेम में जिहाद का कोई स्थान नहीं है।
बिहार में लव जिहाद का कानून लाने की मांग
बिहार में लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू करने का केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को समर्थन किया और दावा किया कि यह विषय देश के राज्यों में परेशानी का सबब बन गया है। भाजपा नेता ने नीतीश कुमार सरकार से अनुरोध किया कि वह यह समझे कि लव जिहाद और जनसंख्या नियंत्रण जैसे मुद्दों का सांप्रदायिकता से कोई सरोकार नहीं है बल्कि ये तो सामाजिक समरसता के विषय हैं।