महाराष्ट्र विधान परिषद ने हाल ही में दस लाख डॉलर का ‘ग्लोबल टीचर प्राइज’ जीतने वाले सोलापुर के स्कूल शिक्षक रंजीत सिंह दिसाले को मंगलवार को बधाई दी। वहीं विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने दिसाले को उच्च सदन के सदस्य के रूप में नियुक्त करने की मांग की है। विधान परिषद के सभापति रामराजे नाइक निंबालकर ने दिसाले को बधाई देने के लिए सदन में प्रस्ताव रखा।
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में 2,000 से कम आबादी वाले एक छोटे से गांव परितेवाड़ी के जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक दिसाले को भारत में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और त्वरित प्रतिक्रिया कोड वाली पाठ्यपुस्तक क्रांति को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए यह सम्मान मिला है। दिसाले ने कह था कि वह पुरस्कार राशि का 50 प्रतिशत अपने साथी प्रतियोगियों के बीच बराबर बांटेंगे।
परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने पुरस्कार राशि साझा करने की उनकी उदारता के लिए दिसाले की प्रशंसा की। दारेकर ने कहा कि आजकल लोगों में इतनी उदारता देखने को नहीं मिलती है। उन्होंने पुरस्कार जीतने के लिए दिसाले की प्रशंसा की और कहा कि यह न केवल सोलापुर जिले या महाराष्ट्र के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने कहा, ‘‘परिषद को बुद्धिजीवियों का सदन माना जाता है। साहित्यकार, पत्रकार और विचारक आदि इसके सदस्य होते हैं… जब मैं दिसाले के घर गया था, तब उनके घर पर मौजूद अन्य शिक्षकों और ग्रामीणों ने परिषद में सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति की मांग की थी।’’ दारेकर ने कहा, ‘‘उन्होंने खुद कुछ नहीं कहा। दिसाले की एमएलसी के रूप में नियुक्ति सदन की गरिमा को बढ़ाएगी… मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त करने के लिए दिसाले के नाम की अनुशंसा करें।’’
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने भी पुरस्कार राशि को साझा करने के दिसाले के निर्णय की सराहना की। परब ने कहा, ‘सरकार निश्चित रूप से शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रयास करेगी । जिन चीजों के बारे में दिसाले ने बात की है, उन पर अमल किया जाएगा। उनके सभी कार्यों को उचित तरीके से सम्मानित किया जाएगा।’ मंत्री ने कहा, ‘उनकी बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल महाराष्ट्र के लिए किया जाएगा। मैं उन्हें सरकार की ओर से अभिनंदन करता हूं और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’