हनुमान चालीसा विवाद में लोकसभा से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जमानत मिल गई। राणा दंपति ने गुरुवार को बेल बॉन्ड भर दिया है। इसके साथ ही कुछ देर में उनको रिहा किया जा सकता है। राणा दंपत्ति 13 दिनों बाद जेल से बाहर आएंगे।
दोनों की ओर से बोरीवली कोर्ट में गुरुवार को 50-50 हजार रुपए का बेल बॉन्ड जमा किया गया है। मजिस्ट्रेट की ओर से रिहाई आदेश मिलने के बाद दो टीमें भायखला और तलोजा जेल जाएंगी। नवनीत राणा को भायखला महिला जेल जबकि रवि राणा को तलोजा जेल में रखा गया है।
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मुंबई की सेशन कोर्ट ने बुधवार को 50 हजार रूपए प्रति व्यक्ति का सिक्योरिटी बॉन्ड और अन्य कई शर्तो के साथ राणा दंपत्ति की जमानत मंजूर की। कोर्ट ने इस तरह के मामलों में दोबारा ना फंसने और सबूतों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना करने और इस मामले पर किसी भी तरह की प्रेस कॉन्फ्रेंस ना करने की सख्त हिदायत दी।
क्यों हुई राणा दंपत्ति की गिरफ्तारी?
बता दें कि अमरावती की सांसद और उनके विधायक पति रवि राणा को पिछले महीने मुंबई पुलिस ने बांद्रा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की सार्वजनिक घोषणा के बाद गिरफ्तार किया था। हालांकि राणा दंपति ने सीएम उद्धव के आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की अपनी योजना को छोड़ दिया था, लेकिन मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ देशद्रोह और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में FIR दर्ज की थी।
मुंबई की बांद्रा कोर्ट ने राणा दंपति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। राणा दंपत्ति पर आईपीसी की धारा 153 (ए) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मुंबई पुलिस अधिनियम (पुलिस के निषेधाज्ञा का उल्लंघन) द्वारा दंपति को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में पुलिस ने उनके खिलाफ मामले में आईपीसी की धारा 124-ए (देशद्रोह) भी जोड़ा गया था।