महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंपा।
फेसबुक लाइव पर इस्तीफे का ऐलान करने के बाद उद्धव मातोश्री से राजभवन पहुंचे। इस दौरान उद्धव खुद ही कार चला रहे थे।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा
राजभवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने ठाकरे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था होने तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को कहा।
ठाकरे मर्सिडीज कार चलाते हुए राजभवन पहुंचे। ठाकरे के साथ उनके बेटे आदित्य और तेजस के साथ-साथ शिवसेना नेता नीलम गोरहे तथा अरविंद सावंत और अन्य लोग भी थे। ठाकरे रात 11 बजकर 44 मिनट पर राजभवन में राज्यपाल कोश्यारी से मिले।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफा सौंपने के बाद उद्धव ठाकरे ने राजभवन के पास के एक मंदिर में कार रोकी और गाड़ी से नीचे उतरकर भगवान के दर्शन किए।
ठाकरे के साथ पहुंचे शिवसेना कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले के राजभवन पहुंचने पर नारेबाजी की। बाद में ठाकरे उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने आवास ‘मातोश्री’ लौट गए।
वही, आपको बता दे कि इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि उनकी रुचि ‘संख्याबल के खेल’ में नहीं है और इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
उन्होंने वेबकास्ट पर कहा, ‘‘मैं विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।’’ ठाकरे ने इसके साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सड़क पर प्रदर्शन करने नहीं उतरें।
ठाकरे ने यह घोषणा उनके नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार को बृहस्पतिवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने संबंधी राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से उच्चतम न्यायालय के इनकार के कुछ मिनट बाद की। एमवीए में शिवसेना के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सहयोगी हैं।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अधिकतर विधायकों की बगावत का सामना कर रहे ठाकरे ने कहा कि उन्हें अपना पद छोड़ने पर कोई असफोस नहीं है।
शिवसेना अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बागी विधायकों को लौटने दें और उनके खिलाफ प्रदर्शन नहीं करें।
इससे पहले करीब एक सप्ताह से गुवाहाटी में डेरा डाले बागी विधायक बुधवार शाम को वहां से विशेष विमान में रवाना हुए और गोवा पहुंचे।
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे की वजह से राजनीतिक रूप से बढ़े बागियों को उनके (बालासाहेब) बेटे के मुख्यमंत्री पद से हटने पर खुश और संतुष्ट होने दें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं संख्याबल के खेल में शामिल नहीं होना चाहता हूं। मैं शर्मिंदा महसूस करूंगा अगर मैं देखूंगा कि पार्टी का एक भी सहयोगी मेरे खिलाफ खड़ा है।’’
उन्होंने कहा कि मुंबई में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और शिवसैनिकों को हिरासत में लिया गया है। ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा ने बुधवार शाम को हुई मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के फैसले का विरोध नहीं किया।
उन्होंने एमवीए सरकार चलाने के दौरान सहयोग के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को भी धन्यवाद ज्ञापित किया। ठाकरे ने बागियों का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मुझसे कहा कि अगर बागी चाहते हैं तो कांग्रेस सरकार से हटने और बाहर से समर्थन करने को तैयार है। जिनसे खाई में धकेलने की उम्मीद थी वे ही साथ खड़े हुए जबकि मेरे अपने मेरा साथ छोड़कर चले गए। ’’
शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘आपकी समस्या क्या थी? सूरत और गुवाहाटी जाने के बजाय आप सीधे मेरे पास आ सकते थे और अपनी राय रख सकते थे। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना आम लोगों की पार्टी है और उसने कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है।’’ ठाकरे ने कहा कि वह पार्टी का पुनर्निर्माण करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं शिवसैनिकों का साथ खड़ा रहने के लिए धन्यवाद व्यक्त करता हूं। जो शिवसेना की वजह से राजनीतिक रूप से बढ़े वे असंतुष्ट हैं जबकि जिन्हें कुछ नहीं मिला वे निष्ठावान हैं।’’
शिवसेना के बागी विधायक गोवा के होटल में करेंगे बैठक, अगले कदम पर करेंगे चर्चा
शिवसेना के बागी विधायकों में से एक भरत गोगावले ने बुधवार रात कहा कि वे गोवा के एक पांच सितारा होटल में बैठक करेंगे, जहां वे रात में ठहरेंगे।
गोगावले ने कहा कि बैठक में वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद अपने अगले कदम पर चर्चा करेंगे।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना से अलग हुए विधायकों को लेकर एक चार्टर्ड विमान बुधवार रात गुवाहाटी से गोवा के डाबोलिम हवाई अड्डे पर उतरा। हवाई अड्डे से, वे विशेष बसों में दोना पावला स्थित होटल रवाना हुए।
गोगावले ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हम उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के फैसले से बहुत खुश हैं। हम अपने होटल की ओर जा रहे हैं। एक बार वहां पहुंचने के बाद, हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और अपने अगले कदम पर फैसला करेंगे। उन्होंने (ठाकरे) हमें मनाने की कोशिश की।’’
सरकार बनाने की तैयारी में जुटी भाजपा
भाजपा ने उद्धव ठाकरे के इस्तीफे को महाराष्ट्र की जनभावना और लोकतंत्र की जीत बताते हुए कहा है कि उद्धव ठाकरे को काफी पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
महाराष्ट्र से जुड़े भाजपा के एक दिग्गज नेता ने कहा कि शिवसेना में हुई बगावत के बाद उद्धव ठाकरे सरकार अल्पमत में आ गई थी और इस सरकार को जाना ही था।
भाजपा द्वारा सरकार गठन के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि मुंबई में पार्टी के विधायक दल की बैठक हो रही है और इसी में भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी।
सूत्रों की मानें तो शिंदे गुट के समर्थन से भाजपा राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के समक्ष जल्द ही सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। हालांकि, उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने के बाद अब एकनाथ शिंदे को यह तय करना है कि वो और उनके साथी विधायक किस पार्टी के नाम से अपने आपको परिभाषित करेंगे और राज्यपाल के समक्ष भाजपा के सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
भाजपा खेमे में जश्न शुरू
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक और वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुंबई स्थित आवास पर एकत्रित हुए।
शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गिरने पर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल समेत भाजपा के कई नेताओं ने एक-दूसरे को बधाई दी। उनमें से कई ने कहा कि फडणवीस जल्द ही राज्य की कमान संभालेंगे।
पूर्व मंत्री और भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, ‘‘आखिरकार सच्चाई की जीत हुई।’’
भाजपा विधायक नितेश राणे ने कहा, ‘‘फडणवीस हमेशा कहते थे कि वह सदन में लौटेंगे। अब, समय आ गया है। वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करेंगे।’’