महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिरोध के बीच मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केन्द्र को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मौजूदा हालात में राज्य में स्थिर सरकार के गठन के तमाम प्रयासों के बावजूद यह असंभव प्रतीत होता है। हालांकि उनके इस फैसले की गैर-भाजपा दलों ने खुलकर आलोचना की है। इसके खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट चली गई है। अब राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी सरकार बनाने के लिए कोशिश करेगी।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा भाजपा महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अनाधिकारिक माध्यमों से अभी भी संपर्क कर रही है। इसके थोड़ी ही देर बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने उद्धव के बयान की एक तरह से पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें सरकार गठन के लिए भाजपा संग गठबंधन को फिर से जिंदा करने पर शिवसेना को समझाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए लगा रखा है।
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राणे ने कहा, हम 145 सदस्यों के एक सामान्य बहुमत की कोशिश में लगे हुए हैं, हमारा यही लक्ष्य है और हम राज्यपाल को उसे सौंपेंगे। मुझे नहीं लगता कि शिवसेना राकांपा-कांग्रेस के साथ जाएगी। वे शिवसेना को मोहरा बना रहे हैं।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के 19वें दिन जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच कांग्रेस-राकांपा ने कहा कि उन्होंने सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के प्रस्ताव पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।