एकनाथ शिंदे और ठाकरे गुट के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। अब सवाल उठने लगा है कि आखिरकार शिवसेना किसकी है ? ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बीते दिन पार्टी के नाम औऱ चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ को फ्रीज कर दिया है। आयोग के इस फैसले से उद्धव ठाकरे को तगड़ा झटका लगा है। ठाकरे गुट इसे गलत बता रहे है। वही, शिंदे गुट आयोग के सामने अपनी राय रखने के लिए तत्पर है। आयोग का ये फैसला ऐसे समय में आया है, जब मुंबई के अंधेरी पूर्व में उपचुनाव होने वाले है।
अरविंद सावंत ने भी लगाए आरोप
बता दें कि शनिवार को ECI की तरफ से जारी अंतिम आदेश ने दोनों गुटों से शिवसेना का नाम और चिह्न का इस्तेमाल करने का अधिकार छीन लिया है। इस पर पूर्व लोकसभा संसद और शिवसेना नेता चंद्रकांत चंद्रकांत खैरे हैरानी जाहिर कर रहे है। साथ ही उन्होंने इसके तार राजनीति मकसद से जोड़ दिए है। इतना ही नहीं पार्टी के लिए लोकसभा संसद अरविंद सावंत ने भी आरोप लगाए है कि उद्धव गुट के जवाब और शिंदे कैंप की याचिका में से किसी पर भी विचार नहीं किया गया।
आदित्य ठाकरे ने कहा ‘हम सच के साथ है’
शिवसेना के नेता व पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट भी किया ‘खोखेवाले गद्दारों के शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रिज कराने की शर्मनाक हरकत की। इसके आगे उन्होंने कहा कि हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम केवल सच के साथ है। ‘सत्यमेव जयते!’ ।