आपको बता दें संजय राउत ने कहा कि दक्षिण भारत के एक खास क्षेत्र का धर्म पर अलग दृष्टिकोण हो सकता है, लेकिन उसे इसे अपने तक ही सीमित रखना चाहिए। राज्यसभा सदस्य ने गुरुवार को कहा, ''इस तरह की टिप्पणी करके पूरे देश का गुस्सा भड़काना सही नहीं है।उदयनिधि ने सनातन धर्म पर जो टिप्पणी की है, उससे कोई भी सहमत नहीं है। भले ही ऐसे विचार व्यक्तिगत हों, उन्हें इसे अपने तक ही सीमित रखना चाहिए.'' राउत ने कहा, ''उनका निजी विचार हो सकता है और यह द्रविड़ संस्कृति का हिस्सा हो सकता है.''