महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार का अस्तित्व धीरे- धीरे खत्म होता जा रहा हैं। क्योंकि ठाकरे की पार्टी के नेता अपना इस्तीफा देकर एकनाथ शिंदे का दामन थाम रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर शिवसेना पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने औपचारिक तौर से स्पष्ट करते हुए कहा कि पार्टी अपने चुनाव चिह्न और संगठन पर नियंत्रण की खातिर लड़ाई के लिए तैयार है। शिवसेना को हाल ही में बड़े पैमाने पर विद्रोह का सामना करना पड़ा है।
संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर साधा निशाना
राउत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महाराष्ट्र को तीन हिस्सों में बांटने की कोशिश कर रही है और शिवसेना में विभाजन कराना भाजपा की साजिश का हिस्सा है।
उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि शिंदे ने शिवसेना संसदीय दल को ऐसे समय पर तोड़ने की कोशिश की, जब राज्य कुछ हिस्सों में भारी बाढ़ से निपटने के लिए प्रयास कर रहा था। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा, हम किसी भी लड़ाई के लिए तैयार हैं, चाहे यह चुनाव चिन्ह के लिए हो या पार्टी संगठन के लिए। कुछ एक सांसद और विधायक हमें छोड़ सकते हैं। लेकिन अकेले विधायक और सांसद शिवसेना नहीं बना सकते हैं।
राउत ने पार्टी विस्तृत को लेकर कही यह बात
जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा कि शिवसैनिक विद्रोहियों के लिए भविष्य में कोई भी चुनाव जीतना मुश्किल बना देंगे। उन्होंने पार्टी से अलग हुए गुट को शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे द्वारा वर्षों तक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मदद दिए जाने का जिक्र किया।राउत ने शिंदे पर भी तंज कसते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली की यात्राएं करनी पड़ीं क्योंकि वह भाजपा के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा, मुझे याद नहीं है कि शिवसेना के मुख्यमंत्री मनोहर जोशी या नारायण राणे मंत्रिमंडल में विस्तार और अन्य मुद्दों के लिए कभी राष्ट्रीय राजधानी के चक्कर लगाते थे।उल्लेखनीय है कि शिवसेना संसदीय दल में टूट के आसार दिख रहे हैं और एक गुट राहुल शेवाले के नेतृत्व में एक अलग समूह के तौर पर मान्यता के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध कर सकता है।