पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें कहा गया कि उनकी सरकार प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की इच्छुक नहीं थी। ममता ने कहा कि राज्य सरकार अब तक देश के विभिन्न हिस्सों से 8.5 लाख लोगों को वापस लायी है। उन्होंने कहा कि 10 जून तक 10.5 लाख प्रवासियों को वापस राज्य में लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यहां एक समीक्षा बैठक में कहा, ”कुछ लोग मेरी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं कि हम प्रवासी मजूदरों को राज्य में वापस लाने के इच्छुक नहीं हैं। यह झूठ है। अब तक हम 8.5 लाख लोगों को वापस लाए हैं और 10 जून तक करीब 10.5 लाख प्रवासी राज्य में वापस आ जाएंगे।”
बनर्जी ने कहा, ”हमने केवल यह कहा था कि प्रवासियों को व्यवस्थित तरीके से वापस लाया जाना चाहिए, अन्यथा राज्य में कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।” इससे पहले तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आज मोदी सरकार से अपील की है कि वह कोविड-19 के कारण पैदा हुए संकट के मद्देनजर प्रवासी श्रमिकों को 10-10 हजार रुपए दे।
बनर्जी ने ट्वीट किया कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को वित्तीय सहायता मुहैया कराई जानी चाहिए, ताकि वे लॉकडाउन के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट का सामना कर सकें। उन्होंने सलाह दी कि ‘‘आपात स्थितियों के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ (पीएम केयर्स) का एक हिस्सा इस कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘मौजूदा वैश्विक महामारी के कारण लोग जिन आर्थिक संकटों से गुजर रहे हैं, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। मैं केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि वह असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों समेत प्रवासी श्रमिकों को 10-10 हजार रुपए एक बार में हस्तांतरित करे। इसके लिए पीएम-केयर्स के एक हिस्से का इस्तेमाल किया जा सकता है।’’ कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को काबू करने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।