पश्चिम बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के मामले में गृह मंत्रालय ने लापरवाही के आरोप में 3 आईपीएस अफसरों की केंद्र में तैनाती की है। गृह मंत्रालय के इस फैसले से तिलमिलाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि यह केंद्र द्वारा राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने और पश्चिम बंगाल में सेवारत अधिकारियों का मनोबल घटाने के लिए जानबूझ कर किया गया प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कदम, खासकर चुनाव से पहले संघीय ढांचे के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। यह पूरी तरह असंवैधानिक और पूरी तरह अस्वीकार्य है।’’
उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘‘राज्य सरकार की आपत्ति के बावजूद भारत (केंद्र) सरकार का पश्चिम बंगाल में सेवारत तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने संबंधी आदेश आईपीएस कैडर कानून 1954 के आपातकालीन प्रावधानों और ताकत का दुरुपयोग है।’’
We wouldn’t allow this brazen attempt by the Centre to control the State machinery by proxy! West Bengal is not going to cow-down in front of expansionist & undemocratic forces. (3/3)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 17, 2020
गृह मंत्रालय ने कहा कि आईपीएस कैडर कानून के अनुसार विवाद की स्थिति में राज्य की बजाय केंद्र के आदेश या फैसले को वरीयता दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम केंद्र द्वारा राज्य प्रणाली पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण की अनुमति नहीं देंगे। पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के आगे नहीं झुकेगा।’’ बनर्जी का बयान पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए एक पत्र को सार्वजनिक किए जाने के कुछ ही मिनट बाद आया है।