भोपाल (मनीष शर्मा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुलाकात से बारिश के मौसम में भी राजनीतिक पारा बढ़ा हुआ है। सूत्रों के अनुसार दोनों की मुलाकात से संयुक्त मोर्चा बनाकर भाजपा के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव में उतरने को लेकर चर्चा हुई है।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह पहला दिल्ली दौरा है। संसद के मानसून सत्र के दौरान दिल्ली दौरे पर पहुंचीं ममता बनर्जी कई विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं।
चुनाव प्रबंधन के चाणक्य माने जाने वाल प्रशांत किशोर की पहल पर संयुक्त गठबंधन भाजपा को चुनौती दे सकता है। संयुक्त गठबंधन में कांग्रेस के साथ तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, आम आदमी पार्टी, शिवसेना, डीएमके, माकपा, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोक दल, बहुजन समाज पार्टी, मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे दल शामिल हो सकते हैं। उड़ीसा से बीजू पटनायक और आंध्र प्रदेश से जगन मोहन रेड्डी तथा तेलंगाना से चंद्रशेखर राव से भी बातचीत जारी है।
कमलनाथ और ममता बनर्जी की मुलाकात से यह भी स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस को आगे बढ़ाने में अब अहमद पटेल के बाद कमलनाथ ही सर्वे सर्वा की भूमिका में है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार श्रीनाथ जल्द ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष या कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।बैठक के बाद ममता बनर्जी ने इस मुलाकात के बारे में कहा कि यह एक राजनीतिक मुद्दों पर आधारित सौजन्य भेंट थी। कमलनाथ ने कहा कि राजनीति में सब कुछ संभव है। देश के राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा हुई है।
वहीं, बनर्जी के दिल्ली दौर पर निशाना साधते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फर्जी टीकाकरण शिविर मामला, चुनाव बाद हिंसा और अन्य मुद्दों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही हैं और इससे बचने के लिए वह कुछ दिन के लिए राज्य से बाहर रहना चाहती हैं। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों को एकजुट करने का बनर्जी का प्रयास सफल नहीं होगा।