पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को अपने पांच दिवसीय दौरे के लिए दिल्ली पहुंचीं। यह तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सत्ता संभालने के बाद उनका राष्ट्रीय राजधानी का पहला दौरा है और वह मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं। तृणमूल कांग्रेस की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, ममता बनर्जी मंगलवार को शाम चार बजे प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगी। वह बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात कर सकती हैं।
बनर्जी का कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा कमलनाथ, आनंद शर्मा और अभिषेक मनु सिंघवी समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात का भी कार्यक्रम है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह पहला दिल्ली दौरा है। संसद के मानसून सत्र के दौरान दिल्ली दौरे पर पहुंचीं ममता बनर्जी अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं।
इससे पहले, कोलकाता में राज्य मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में हिस्सा लेने के बाद ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हुईं थीं। बनर्जी ने कोलकाता के एन एस सी बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से बात नहीं की थी। इससे पहले ममता बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा था कि प्रधानमंत्री ने उन्हें इस सप्ताह मुलाकात का समय दिया है। हालांकि, बनर्जी ने प्रधानमंत्री के साथ प्रस्तावित बैठक का विवरण साझा करने से इंकार कर दिया था। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि 26-30 जुलाई के दौरे के दौरान ममता बनर्जी संसद भी जा सकती हैं, जहां मॉनसून सत्र चल रहा है।
वहीं, बनर्जी के दिल्ली दौर पर निशाना साधते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फर्जी टीकाकरण शिविर मामला, चुनाव बाद हिंसा और अन्य मुद्दों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही हैं और इससे बचने के लिए वह कुछ दिन के लिए राज्य से बाहर रहना चाहती हैं। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों को एकजुट करने का बनर्जी का प्रयास सफल नहीं होगा।