कोरोना काल में नीट और जेईई परीक्षा कराए जाने का कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुझाव दिया है कि परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग के साथ मुख्यमंत्रियों को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।
सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ जीएसटी, नीट और जेईई परीक्षा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई है। परीक्षाओं को स्थगित किए जाने की मांग को लेकर विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बार पत्र भी लिख चुके हैं।
बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि परीक्षाओं की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग के साथ सभी मुख्यमंत्री ‘सुप्रीम कोर्ट चलते हैं। इस मुद्दे पर बात करते हैं। यह छात्रों के लिए मानसिक प्रताड़ना है। मैंने किसी लोकतांत्रिक देश में इतनी उद्दंडता नहीं देखी है। सहकारी संघवाद के नाम पर केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘कुचल’ डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में तमाम पूर्व प्रधानमंत्री को श्रेय नहीं मिल पा रहा है। उनके नाम पर कोई स्कीम नहीं चलाई जा रही है। महात्मा गांधी के नाम पर सिर्फ मनरेगा और राजीव गांधी के नाम पर सिर्फ खेल रत्न स्कीम चलाई जा रही है। हर स्कीम में आधा हिस्सा राज्य सरकार देगी, आधा हिस्सा केंद्र, लेकिन स्कीम का नाम हम तय करेंगे।
उद्धव ठाकरे ने अमेरिका की एक रिपोर्ट का दिया हवाला
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अमेरिका की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश में 97,000 बच्चे कोरोनो वायरस बीमारी से संक्रमित थे जब स्कूलों को फिर से खोल दिया गया था। “अगर ऐसी स्थिति यहां आएगी तो हम क्या करेंगे?” उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल को जून में नहीं खोला गया जबकि जब मामलों की संख्या अपेक्षाकृत कम थी, तो अब परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए स्थिति को कैसे अनुकूल माना जा सकता है।
कोरोना काल में सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद परीक्षाएं कराने की तैयारियां चल रही हैं। ममता ने इससे पहले भी शिक्षा मंत्रालय को टैग करते हुए कहा था कि खतरे का आकलन करें और स्थिति के फिर से अनुकूल होने तक इन परीक्षाओं को स्थगित कर दें। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।’