प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुकर बम विस्फोट से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच के सिलसिले में कर्नाटक के मंगलुरु में कुछ स्थानों पर बुधवार को छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक प्राथमिकी के आधार पर संघीय जांच एजेंसी धन शोधन के एक मामले की जांच कर रही है।
ईडी के अधिकारियों ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज मामले में दस्तावेज और सबूत इकट्ठा करने के लिए मंगलुरु में एक इमारत के अलावा कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी की। मंगलुरु की इस इमारत में कांग्रेस पार्टी का एक कार्यालय भी है। पुलिस के अनुसार, मंगलुरु के बाहरी इलाके में पिछले साल 19 नवंबर को एक ऑटो रिक्शा में बम विस्फोट हुआ था।
मामले में तिपहिया वाहन में सवार मोहम्मद शारिक मुख्य संदिग्ध है, जो 40 प्रतिशत तक झुलस गया था। शारिक और उसके साथी कथित तौर पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से प्रेरित थे और एप ‘टेलीग्राम’ के जरिए उसके संपर्क में थे। पुलिस ने बताया था कि भारत के बाहर उनके आकाओं ने बम बनाने में उनकी मदद करने के लिए एक दस्तावेज भेजा था, जिसका इस्तेमाल करके उन्होंने बम बनाया और शिवमोगा जिले में स्थित तुंगा नदी के किनारे इसका परीक्षण किया था। पुलिस के अनुसार, उनकी मंशा पूरे कर्नाटक में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की थी।
उल्लेखनीय है कि शिवमोगा के जिला मुख्यालय शहर में 15 अगस्त को एक सार्वजनिक स्थान पर हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर लगाने को लेकर हुई सांप्रदायिक झड़प के मामले में भी शारिक का नाम सामने आया था। पुलिस ने आईएस से प्रेरित आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था, लेकिन शारिक ने पुलिस को उस समय चकमा दे दिया था। मामले की जांच बाद में एनआईए को सौंप दी गई थी।