एन बीरेन सिंह ने सोमवार को दूसरे कार्यकाल के लिए इंफाल में मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। बीरेन सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष अधिकारीमयुम शारदा देवी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और पार्टी के अन्य नेताओं की उपस्थिति में शपथ ली। राज्यपाल एल गणेशन ने सिंह को पांच कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ दिलाई। इनमें नेमचा किपजेन, वाई. खेमचंद सिंह, बिस्वजीत सिंह, अवंगबौ न्यूमाई और गोविंदास कोंथौजम शामिल हैं।
सर्वसम्मति से 32 विधायकों वाले भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू ने रविवार को राज्यपाल को एक पत्र सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि सिंह को सर्वसम्मति से 32 विधायकों वाले भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके बाद राज्यपाल ने सिंह को मणिपुर में अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।
मेरी सरकार का पहला कदम इसे भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाना होगा- बीरेन सिंह
शपथ लेने के बाद बीरेन सिंह ने कहा कि मेरी सरकार का पहला कदम इसे भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाना होगा। उन्होंने कहा कि मैं राज्य से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए दिन-रात काम करूंगा। अगला कदम यह होगा कि राज्य से किसी भी तरह के मादक पदार्थ संबंधी मामले को खत्म किया जाए। तीसरा मैं यह देखने की कोशिश करूंगा कि राज्य में सक्रिय सभी विद्रोहियों को बातचीत की मेज पर लाया जाए और संवाद हों। ये तीनों मेरे प्राथमिक कर्तव्य होंगे।
मणिपुर में भाजपा ने की है वापसी
मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है। भाजपा ने 2017 के चुनाव में केवल 21 सीट हासिल की थी, लेकिन वह कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में करने में सफल रही, जिससे पार्टी के सदस्यों की संख्या 28 हो गई और बीरेन सिंह ने मणिपुर में पहली बार भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
खिलाड़ी से पत्रकार और फिर राजनेता
अगर एन बीरेन सिंह के करियर पर नजर डालें तो उन्होंने फुटबॉल खिलाड़ी के तौर पर अपना सफर शुरू किया और फिर सीमा सुरक्षा बल में उन्हें नौकरी मिल गई। इसके बाद उन्होंने पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा और स्थानीय भाषा के अखबार के संपादक बने। इसके बाद वे राजनीति के मैदान में कूद गए और पहली बार 2002 में डेमोक्रेटिक रेवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर विधानसभा के सदस्य बने। सिंह ने 2002 में पहला चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया और 2003 में राज्य की तत्कालीन ओकराम इबोबी सिंह सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री बने और वन तथा पर्यावरण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला। अक्टूबर 2016 में बीरेन सिंह बीजेपी में शामिल हो गए थे।
सर्वसम्मति से 32 विधायकों वाले भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू ने रविवार को राज्यपाल को एक पत्र सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि सिंह को सर्वसम्मति से 32 विधायकों वाले भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके बाद राज्यपाल ने सिंह को मणिपुर में अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।
मेरी सरकार का पहला कदम इसे भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाना होगा- बीरेन सिंह
शपथ लेने के बाद बीरेन सिंह ने कहा कि मेरी सरकार का पहला कदम इसे भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाना होगा। उन्होंने कहा कि मैं राज्य से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए दिन-रात काम करूंगा। अगला कदम यह होगा कि राज्य से किसी भी तरह के मादक पदार्थ संबंधी मामले को खत्म किया जाए। तीसरा मैं यह देखने की कोशिश करूंगा कि राज्य में सक्रिय सभी विद्रोहियों को बातचीत की मेज पर लाया जाए और संवाद हों। ये तीनों मेरे प्राथमिक कर्तव्य होंगे।
मणिपुर में भाजपा ने की है वापसी
मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है। भाजपा ने 2017 के चुनाव में केवल 21 सीट हासिल की थी, लेकिन वह कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में करने में सफल रही, जिससे पार्टी के सदस्यों की संख्या 28 हो गई और बीरेन सिंह ने मणिपुर में पहली बार भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
खिलाड़ी से पत्रकार और फिर राजनेता
अगर एन बीरेन सिंह के करियर पर नजर डालें तो उन्होंने फुटबॉल खिलाड़ी के तौर पर अपना सफर शुरू किया और फिर सीमा सुरक्षा बल में उन्हें नौकरी मिल गई। इसके बाद उन्होंने पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा और स्थानीय भाषा के अखबार के संपादक बने। इसके बाद वे राजनीति के मैदान में कूद गए और पहली बार 2002 में डेमोक्रेटिक रेवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर विधानसभा के सदस्य बने। सिंह ने 2002 में पहला चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया और 2003 में राज्य की तत्कालीन ओकराम इबोबी सिंह सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री बने और वन तथा पर्यावरण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला। अक्टूबर 2016 में बीरेन सिंह बीजेपी में शामिल हो गए थे।