मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा को सूचित किया कि मणिपुर और नागालैंड की सीमा से सटी जुकोउ घाटी और तुंगजॉय गांव को प्रभावित करने वाले सीमा विवाद का दोनों राज्य स्थायी हल निकालेंगे। वह पिछले महीने नागालैंड में आठ मणिपुरी ट्रैकरों की गिरफ्तारी पर कांग्रेस विधायक के. मेघाचंद्र द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
बीरेन ने कहा कि दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता नहीं कहता कि जुकोउ घाटी नागालैंड की संपत्ति है। उन्होंने कहा, ‘गौर करने वाली बात यह है कि दो-तिहाई घाटी मणिपुर में है जबकि एक तिहाई नागलैंड में है।’ उन्होंने मणिपुर के सेनापति जिले में माओ इलाके से जुकोउ घाटी की ओर जाने वाली सड़क के निर्माण कार्य को फिर से शुरू करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा एक पर्यटक लॉज का भी निर्माण किया जाएगा।’ नागालैंड ने अपनी तरफ आवश्यक निर्माण किया हुआ है।संगाई महोत्सव के दौरान मणिपुर के 15 ट्रैकर जुकोउ घाटी गए थे। जंगल में लगी आग ने उन्हें नागालैंड में भटकने के लिए मजबूर कर दिया। उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। एक समझौते पर दस्तखत के बाद सभी ट्रैकर को मणिपुर लौटने दिया गया।