मणिपुर के कांगपोकपी जिले में आरक्षित वनों एवं वन्यजीव अभयारण्यों के लिए भूमि का अतिक्रमण किए जाने का आरोप लगाने वाले स्थानीय प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई।पुलिस ने बताया कि इंडिजिनस ट्राइबल लीर्ड्स फोरम (आईटीएलएफ) सहित विभिन्न निकायों द्वारा आहूत विरोध रैली में भाग लेने के लिए शुक्रवार को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में लोग कांगपोकपी शहर में थॉमस के पास एकत्र हुए।
उसने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, जिसके बाद हिंसक झड़प शुरू हो गई।अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के कारण कम से कम पांच प्रदर्शनकारी घायल हो गए और प्रदर्शनकारियों के पथराव में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।उन्होंने बताया कि हालात को बाद में काबू कर लिया गया।
राज्य के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारी संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती दे रहे थे।उन्होंने कहा, ‘‘वे संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती दे रहे थे। वहां लोग अफीम की खेती और नशीली दवाओं के कारोबार के लिए आरक्षित वनों, संरक्षित वनों और वन्यजीव अभयारण्यों का अतिक्रमण कर रहे थे।’’प्रदर्शनकारियों ने बाद में कांगपोकपी के उपायुक्त केंगू जुरिंगला के माध्यम से राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा।कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में बृहस्पतिवार को आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी।