देहरादून : उत्तराखंड प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर बैठक संपन्न हुई। जिसमें अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है। कैबिनेट बैठक में बताया गया की राज्य के शुगर मिलों में 403 करोड़ का भुगतान लंबित है। सरकार का निर्णय है कि 2019-20 का जो सत्र खंड है, उसमें नया लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है। नया लाइसेंस भी ले सकते हैं जिसमे कुछ छूट भी दी गई है। न्याय विभाग की उत्तराखंड अधीनस्थ सिविल न्यायालय लिपिक वर्गीय अधिष्ठान में आंशिक संशोधन किया गया है।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सिविल न्यायालय अधिष्ठान का नाम परिवर्तित करते हुए उत्तराखंड और नैनीताल को संशोधित किया गया है। उत्तर प्रदेश की जगह उत्तराखंड और इलाहाबाद की जगह नैनीताल किया गया है। न्यायिक सेवा नियमविली में आंशिक संशोधन किया गया है। उत्तराखंड वन क्षेत्राधिकारी सेवा नियमावली 2019 के धारा 8प में संशोधन किया गया है। गंगोत्री राष्ट्रीय उड्डयन में ईको सेंसेटिव जोन में संशोधन किया गया है। ईको सेंसेटिव जोन से कई गांवों को बाहर निकाला गया।
अब 28 प्रकार के कार्यों को ग्रामीण इस्तेमाल में ला सकते हैं। खनन प्राधिकारी की अनुमती मिलने के बाद ग्रामीण खनन कर पाएंगे। नंधौर वन्य जोन के ईको सेंसेटिव जोन में संशोधित किया गया है। नंधौर ईको सेंसेटिव जोन से डांडा, कठोल, सहित 3 गांवों को बाहर किया है। यानी 99.5 आरक्षित वन और 0.5 राजस्व क्षेत्र में है। मोटर नियमावली में संशोधन किया गया है। इसकी धारा 52, 135, 179, आदि में संशोधन किया गया है। वीआईपी नंबर 001 और 786 के मिनिमम बोली को बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है।
परिवहन कर अधिकारी द्वितीय की वर्दी में भी आंशिक परिवर्तन किया है। बटन के बदले स्टार और काले जूते की जगह भूरे जूते मान्य किये गए हैं। विश्व बैंक से पोषित योजन के तहत किए जाने वाले कार्यो के लिए पहली अर्बन अर्धनगरीय क्षेत्र के लिए पेयजल नियमविली को मंजूरी मिली है। इससे 35 गांवों को लाभ मिलेगा। राज्य पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन निदेशालय अब पर्यावरण मंत्रालय के नाम से कार्य करेगा।
पर्यावरण मंत्रालय के चार विभाग कार्यरत होंगे। निदेशालय, पॉल्युशन नियंत्रण बोर्ड, बायो डाइवर्सिटी बोर्ड और, स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट कमेटी। हिल्ट्रॉन की नियमावली को मंजूरी मिली। पुरुकुल गांव से बनने वाले रोपवे के लिए पीपीपी मोड में रकम जमा करने के लिए दो किश्त में रुपए जमा करने की अनुमति दी गई है। 150 दिन में सरकार जरूरी कार्य पूरा करके देगी और नहीं देने पर सरकार को पैनल्टी देनी होगी।