माकपा के दो छात्र कार्यकर्ताओं की माओवादियों से उनके कथित संबंध को लेकर गिरफ्तारी के कुछ ही दिन बाद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया है कि उग्रवादियों को यहां स्थित इस्लामी आतंकवादी संगठनों से मदद मिल रही है। माकपा जिला सचिव पी मोहनन ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि माओवादियों को कोझीकोड स्थित इस्लामी आतंकवादी संगठन ‘बढ़ावा’ दे रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कुछ इन माओवादियों को इसके लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे सरकार के खिलाफ हथियार उठायें।’’ उन्होंने सरकार से इसकी जांच करने के लिए कहा। उन्होंने दावा किया कि यहां के इस्लामी आतंकवादी संगठन माओवादियों की ‘‘ताकत’’ हैं। दो छात्रों अलैन सुहैब और ताहा फजल को एक नवम्बर को उनके पास से माओवादी समर्थक पर्चे जब्त होने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। इस बीच पुलिस ने कहा है कि मलप्पुरम के रहने वाले सी पी उस्मान (40) की पहचान तीसरे संदिग्ध के तौर पर की गई है जो सुहैब और ताहा की गिरफ्तारी के बाद फरार हो गया था।
माकपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) को ‘कठोर’ कानून बताते हुए कहा था कि दोनों गिरफ्तार वाम छात्रों के खिलाफ गलत तरीके से उसके तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने पार्टी नीत एलडीएफ सरकार से हस्तक्षेप करने और ‘‘इस गलती को सुधारने’’ का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने राज्य विधानसभा को सूचित किया था कि सरकार यूएपीए कानून का ‘दुरुपयोग’ नहीं होने देगी और इस मामले को गंभीरता से देखेगी।