त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब अक्सर अपने अजीबो-गरीब बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते है। वहीं इस बार भी बिप्लब देब ने रविवार को सरकारी कर्मचारियों की अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिवस की छुट्टी खत्म करते हुए एक अटपटा बयान दिया है। उनका कहना है कि क्या मेरे लोग मजदूर हैं। नहीं, क्या मैं मजदूर हूं। नहीं, मैं एक मुख्यमंत्री हूं। मैं इंडस्ट्रीयल सेक्टर में काम नहीं करता हूं।
तो ऐसे में मुझे इस हॉलिडे की जरूरत नहीं है। देश में बहुत थोड़े ही राज्य हैं, जो इस दिन की छुट्टी रखते हैं। ऐसे में सरकार के कर्मचारियों को इस दिन छुट्टी की जरूरत क्यों पड़ती है। मई दिवस मजदूरों के लिए होता है। सरकारी क्षेत्र के लोगों के लिए नहीं। बीजेपी नीत त्रिपुरा सरकार ने मई दिवस या अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस को राज्य की ‘नियमित छुट्टियों’ की सूची से बाहर कर दिया है।
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इसे ‘ऐच्छिक अवकाश’ में डाल दिया है। वही त्रिपुरा सरकार ने के इस कदम की विपक्षी माकपा ने आलोचना की है। गौरतलब है की यह बिप्लब देब का पहला बयान नहीं है इससे पहले उन्होंने पांच हजार परिवारों को 10,000 गायें बांटने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, ‘हम 5000 परिवारों के रोजगार के लिए यह योजना शुरू करने जा रहे हैं।
जिसके बाद छह महीने में उनकी कमाई शुरू हो जाएगी।’ उन्होंने कहा था कि इससे गरीबी और कुपोषण से भी लड़ने में मदद मिलेगी। अजीब बयानों को लेकर पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बिप्लब देब को तलब भी किया था।