मेघालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो विधायकों ने लिखित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 पर विरोध जताया है। भाजपा विधायक अलेक्जेंडर हेक और सैनबोर शुलई ने अपने ज्ञापन में कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक से बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के आने की मौजूदा समस्या को और बढ़गी, जिससे राज्य को परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक से पूर्वोतर राज्यों के लोगों में नकारात्मक भावना पैदा हो रही हैं।
ज्ञापन में कहा गया कि विधेयक में 1951 के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के चल रहे अद्यतन को भी रेखांकित किया गया है, जो असम समझौते की तरह असम नागरिकों की सूची का निर्धारण करने के लिए 24 मार्च 1971 की कट-ऑफ का उपयोग करता है। विधेयक में 1951 के राष्ट्रीय रजिस्टर नागरिकों (एनआरसी) के सुधारों को भी शामिल किया गया है जो असम समझौते की तरह 24 मार्च 1971 की कट-ऑफ असम नागरिकों की सूची को निर्धारण करता है।
उन्होंने कहा कि जो विधेयक लोकसभा में पारित किया गया था, वह एनआरसी के उद्देश्य के साथ-साथ असम समझौते को निष्प्रभाव करेगा, क्योंकि इसकी कटऑफ 31 दिसंबर 2014 है। श्री शुलई ने कहा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से पूर्वोत्तर राज्यों में विधेयक को लागू करने के लिए अपने उठाये गये कदम पर पुनर्विचार करने या प्रस्तावित विधेयक से बांग्लादेश को हटाने का अनुरोध किया था, जो विफल रहा। उन्होंने कहा ‘‘मेरे पास और कोई दूसरा विकल्प नहीं है लेकिन राज्य के लोगों की दुर्दशा को देखते हुए एक मजबूत निर्णय लेना चाहिए।