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असम के साथ सीमा विवाद पर मेघालय की समितियों ने CM संगमा को सौंपी रिपोर्ट

समितियों ने मतभेद वाले क्षेत्रों में किए गए संयुक्त निरीक्षण से संबंधित रिपोर्ट मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा को सौंप दी हैं।

असम के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए मेघालय सरकार ने दो समितियों का गठन किया था। समितियों ने मतभेद वाले क्षेत्रों में किए गए संयुक्त निरीक्षण से संबंधित रिपोर्ट मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा को सौंप दी हैं। पूर्वोत्तर के दो राज्यों के बीच 12 विवादित क्षेत्रों में से कम से कम छह में मतभेदों को हल करने के लिए अगस्त में उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसोंग और पीएचई मंत्री रेनिक्टन लिंगदोह तोंगखर की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया था।
मुख्यमंत्री संगमा ने संवाददाताओं से कहा कि री भोई जिले और पश्चिम खासी हिल्स जिले में मतभेद वाले क्षेत्रों में किए गए संयुक्त निरीक्षण से संबंधित रिपोर्ट बुधवार को सौंपी गई। उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी सुदूरवर्ती स्थान हैं लेकिन उन्होंने यात्रा की। मुझे लगता है कि राज्य के इतिहास में कभी भी इस तरह की कवायद नहीं की गई है, इसलिए यह एक बहुत ही बड़ा और सम्मानजनक काम है।’’

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उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ मुद्दों को उठाने से पहले सरकार जल्द ही सभी पक्षकारों के विचारों को जानने के लिए उनके साथ परामर्श बैठक करेगी। री भोई के लिए समिति की अध्यक्षता करने वाले तिनसोंग ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी लोगों की बात सुनना और रिपोर्ट तैयार करना है, जो ऐतिहासिक, भौगोलिक और जातीय तथ्यों पर आधारित है।
यह पूछे जाने पर कि क्या क्रिसमस से पहले छह स्थानों पर सीमा विवाद को सुलझाया जा सकता है, तो उन्होंने कहा, ‘‘अब गेंद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पाले में है। उन्हें निर्णय लेने और समाधान निकालने के लिए बैठने करने की जरूरत है।’’ हालांकि, उन्होंने रिपोर्ट की सामग्री का खुलासा करने से इनकार कर दिया।
तिनसोंग ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि असम द्वारा गठित समितियों ने अपनी रिपोर्ट सरमा को सौंपी है या नहीं। अगस्त में एक बैठक में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस साल के अंत तक 12 विवादित क्षेत्रों में से कम से कम छह में मतभेदों को हल करने के उद्देश्य से तीन-तीन समितियां बनाने का फैसला किया था।
अपनी 266 पन्नों की रिपोर्ट सौंपने के बाद मंत्री तोंगखर ने उम्मीद जताई कि दोनों राज्य सीमा विवाद सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि यह राज्य और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के हित में होगा।’’
इस बीच, शहरी मामलों के मंत्री एस धर की अध्यक्षता वाली ईस्ट जयंतिया हिल्स की समिति ने अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 15 दिसंबर तक का समय मांगा है।

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