छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज भाजपा सदस्यों ने बेरोजगारी भत्ते के चुनावी वादा नही पूरा करने जबकि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मोदी सरकार के दो करोड़ बेरोजगारों को प्रति वर्ष रोजगार देने के वादे को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए।दोनो के बीच इसे लेकर नोकझोंक भी हुई। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने प्रश्नोत्तरकाल में भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा के प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य में गत 31 दिसम्बर तक रोजगार कार्यालयों में 23 लाख 25 हजार 85 बेरोजगार पंजीकृत है।
उन्होने कहा कि इन सभी को बेरोजगारी भत्ता देने का मामला विचाराधीन है। जब विचार पूरा हो जायेगा तो उन्हे भत्ता दिया जायेगा।इसकी घोषणा विधानसभा में की जायेंगी। भाजपा सदस्य श्री शर्मा ने पूछा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बेरोजगारो को 2500 रूपए बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है,कब से यह भत्ता दिया जायेगा और कितना दिया जायेगा।
मंत्री ने कहा कि वह पहले ही कह चुके है कि यह मामला अभी विचाराधीन है।शर्मा ने भत्ता शुरू करने का समय पूछा तो मंत्री ने कहा कि अति शीघ्र। भाजपा सदस्य इसके बाद सत्ता पक्ष पर चुनावी वादे से पीछे हटने का आरोप लगाया तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बेरोजगारो की इतनी बड़ तादाद भाजपा के 15 वर्षों के शासनकाल में हुई।कांग्रेस सदस्यों ने चुनावी वादा पांच वर्ष के लिए होने तथा मोदी सरकार के बेरोजगारों से किए वादे का भी जिक्र किया।