देहरादून : सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामले में नगर पालिका परिषद मसूरी की वार्ड आठ की सभासद गीता कुमाईं की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया है। यह आदेश शहरी विकास सचिव शैलेष बगोली की तरफ से जारी किए गए हैं। इससे पहले प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश पर जांच की गई थी, जिसमें अतिक्रमण की पुष्टि होने पर कोर्ट ने नियमानुसार कार्रवाई के आदेश मुख्य सचिव को दिए थे।
मसूरी पालिका के सभासद पद की निर्दलीय प्रत्याशी गीता कुमाईं पर पालिका की ही भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए अन्य निर्दलीय प्रत्याशी केदार सिंह चौहान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश के क्रम में जिलाधिकारी के आदेश पर मसूरी के उपजिलाधिकारी ने मामले की जांच की थी। जांच में स्पष्ट किया गया था कि नगर पालिका की जमीन पर गीता कुमाईं के पति भारत सिंह कुमाईं का कब्जा है और इस पर भवन भी बनाया गया है।
कोर्ट ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए 10 दिन के भीतर निस्तारण के आदेश जारी किए थे। इस बीच शहरी विकास विभाग ने गीता कुमाईं को अपना पक्ष रखने का अवसर भी दिया था। सभी बिंदुओं पर विचार करने और तथ्यों को देखने के बाद शासन ने गीता कुमाईं की सदस्यता को निरस्त कर दिया।
पालिका अधिनियम में की गई कार्रवाई : नगर पालिका अधिनियम 1916 (संशोधित-2002) में स्पष्ट किया गया है कि किन प्रावधानों के आधार पर सदस्यता निरस्त की जा सकती है। इसके मुताबिक सदस्य या उनके परिवार के किसी सदस्य या कानूनी वारिस का पालिका के स्वामित्व या प्रबंधन वाली भूमि, सार्वजनिक भूमि/संपत्ति पर अतिक्रमण पाया जाता है तो ऐसे व्यक्ति की सदस्यता समाप्त करने का अधिकार शासन को है।