ओडिशा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की 29 जनवरी को हत्या कर दी गई थी।उन्हें ब्रजराजनगर में सुरक्षाकर्मी गोपाल दास ने गोली मारी थी। इस मामले में अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच की निगरानी के लिए ओडिशा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जे.पी. दास झारसुगुडा पहुंचे।विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि आरोप लगाया कि उनकी नियुक्ति का कोई कानूनी आधार नहीं है।
मंत्री नब किशोर दास को मारी थी गोली
न्यायमूर्ति दास ने ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस. के. बंसल और खुफिया विभाग के निदेशक एस.के. पांडा के साथ मंगलवार को झारसुगुडा का दौरा किया और ब्रजराजनगर के गांधी चौक में घटना स्थल पर भी गए।झारसुगुडा जिले के ब्रजराजनगर में सुरक्षाकर्मी गोपाल दास ने 29 जनवरी को मंत्री नब किशोर दास को गोली मार दी थी। मंत्री ने उसी शाम भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
CBI जांच की मांग कर रही BJP का आरोप
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर जांच की निगरानी के लिए एक वर्तमान न्यायाधीश या एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश का नाम देने को कहा था। विपक्षी दलों ने मामले की सीबीआई (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) या अदालत की निगरानी में एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच की मांग की थी।सीबीआई जांच की मांग कर रही भाजपा ने आरोप लगाया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई प्रावधान नहीं है।
न्यायपालिका पर भरोसा नहीं तो समाज, लोकतंत्र नहीं बचेगा
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उच्च न्यायालय के वकील पीतांबर आचार्य ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ मुझे संदेह है कि क्या सीआरपीसी एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को एक आपराधिक जांच की निगरानी करने की शक्ति प्रदान करती है? यह कानून का स्पष्ट उल्लंघन है। कानून के तहत कार्रवाई नहीं की जा रही।’’भाजपा के आरोप पर सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक एवं सरकार के मुख्य सचेतक प्रशांत मुदुली ने कहा, ‘‘ विपक्ष को इस तरह के आरोप लगाने की आदत है। न्यायपालिका पर भरोसा नहीं होगा तो समाज और लोकतंत्र नहीं बचेगा।’’