विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने गुरूवार को कहा है कि आसियान भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति का केन्द्र और इस क्षेत्र में संतुलन तथा सौहार्द का स्रोत है।
मुरलीधरन ने आसियान-भारत युवा संवाद सहयोग सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और आसियान देशों के युवा कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न सामाजिक-आर्थिक व्यवधानों के शिकार हुए हैं, लेकिन ”बदलाव के वाहक” होने के नाते, वे महामारी द्वारा पेश की गई चुनौतियों से निपटने के लिये आदर्श स्थिति में हैं।
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उन्होंने कहा कि भारत-आसियान संबंध आर्थिक और सांस्कृतिक आयामों से आगे बढ़ गए हैं। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि आसियान भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति का केन्द्र और इस क्षेत्र में संतुलन तथा सौहार्द का स्रोत है।
उन्होंने कहा, ”हम महामारी, आर्थिक अनिश्चितताओं, सुरक्षा खतरों समेत कई वैश्विक चुनौतियों के समय मिल रहे हैं। इस मुश्किल पल में भारत और आसियान आशा की दो चमकती किरणों की तरह हैं।” मुरलीधरन ने कहा, ”भारत और आसियान हमारे समाजों की बहुलतावादी प्रकृति, दुनिया के प्रमुख धर्मों और विविध संस्कृतियों का खजाना साझा करते हैं। ये हमारे संबंधों को आगे ले जाने का रास्ता हैं।”