उत्तराखंड भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद आज रविवार को पुष्कर सिंह धामी नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इस बीच कुछ विधायकों के नाराज होने की खबरें भी चर्चा में आईं और नाराज नेताओं को मनाने का दौर जारी रहने की खबरें को लेकर मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं ने किसी भी तरह की कलह से इनकार किया है।
तीरथ सिंह रावत की सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य और बिशन सिंह चुपल ने कहा, '' कोई अंदरूनी कलह नहीं है और शाम को धामी कैबिनेट का शपथ ग्रहण कार्यक्रम के अनुसार होगा।'' देहरादून में सुबह से ही जोरदार अफवाह चल रही थी कि धामी के चयन से नाखुश वरिष्ठ नेता और मंत्री सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत दिल्ली पहुंच गए हैं।
हरक सिंह रावत ने स्पष्ट किया कि वह देहरादून में हैं और पार्टी नेतृत्व के साथ हैं। हरक सिंह रावत ने कहा, मैं देहरादून में हूं और यहां सबके साथ बैठा हूं। केंद्रीय नेतृत्व के लिए समय मांगने के लिए दिल्ली में मेरी मौजूदगी की सभी खबरें निराधार और अफवाहें हैं।
कथित तौर पर उत्तराखंड भाजपा के एक वर्ग ने दावा किया कि तीरथ सिंह की सरकार में वरिष्ठ मंत्री - महाराज, चुपल, आर्य और हरक सिंह पहाड़ी राज्य के नए मुख्यमंत्री का चुनाव करते समय अपनी वरिष्ठता की अनदेखी करने पर धामी सरकार में शपथ लेने को तैयार नहीं हैं।
आर्य ने कहा, मैं मंत्री बनूंगा या नहीं, यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। अगर वह मुझे अपने मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कहेंगे, तो मैं उनके निदेशरें का पालन करूंगा। लगभग 35 विधायक इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, इस बारे में पूछे जाने पर आर्य ने कहा, यह एक निराधार अफवाह है। ये सभी 35 विधायक कौन हैं? पार्टी एकजुट है और एक साथ है। अंदरूनी कलह और मतभेदों की खबरें सिर्फ अफवाहें हैं।
चौपाल ने कहा, उत्तराखंड में नई सरकार के शपथ ग्रहण में सभी शामिल होंगे। देहरादून में पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पूछा कि कोई अपना कार्यकाल या चुनाव पूरा होने से सिर्फ सात-आठ महीने पहले इस्तीफा क्यों देगा। उन्होंने कहा, राज्य विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद उन्हें क्या मिलेगा? चुनाव अगले साल की शुरूआत में निर्धारित है और बगावत से पार्टी का टिकट मिलने की संभावना प्रभावित होगी।