भारतीय जनता पार्टी के नेता (भाजपा) और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार के दौरान विवादास्पद भाषण को लेकर कोलकाता पुलिस उनसे वर्चुअली पूछताछ कर रही है। मानिकतला में उनके भाषण को लेकर एक FIR दर्ज की गई थी। उत्तरी कोलकाता के माणिकतला पुलिस थाने के अधिकारियों ने पूर्वाह्न 10 बजकर 20 मिनट पर अभिनेता से पूछताछ शुरू की। चक्रवर्ती इस समय पुणे में हैं।
विधानसभा चुनाव के नतीजे दो मई को घोषित होने के बाद राज्य के कई हिस्सों से झड़पों की खबरें मिली थीं। चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार सत्ता में लौटी। अदालत ने याचिकाकार्ता और अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर शुक्रवार को मामले की अगली सुनवाई 18 जून तक के लिए स्थगित कर दी थी। चक्रवर्ती ने कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। चक्रवर्ती ने याचिका में कहा कि उन्होंने केवल अपनी फिल्मों के संवाद बोले थे।
मिथुन चक्रवर्ती पर आरोप है कि उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ असंवैधानिक भाषा का इस्तेमाल किया इस आरोप के मद्देनजर यह पूछताछ हो रही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती बीजेपी में शामिल हुए थे। चक्रवर्ती ने कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के दौरान कहा कि वह हमेशा से वंचितों के लिए काम करना चाहते थे और भाजपा ने उन्हें अपनी आकांक्षा पूरी करने के लिए एक मंच दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बंगाली होने पर गर्व है।
चक्रवर्ती ने इस मौके पर अपनी एक फिल्म का अपना मशहूर डायलॉग ‘मारूंगा यहां लाश गिरेगी शमशान में’ बोला। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह डायलॉग पुराना हो गया है अब, ‘‘अमी जोल्धोराओ नोई, बीले बोराओ नोई…अमि इक्ता कोबरा, ईक चोबोल-ई छोबी (मुझे एक हानिरहित सांप समझने की गलती न करें, मैं एक कोबरा हूं, लोगों को एक बार में डंसकर मार भी सकता हूं)।’’
मिथुन के इन बयानों को लेकर कोलकाता के मानिकतला थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी और आरोप लगाया गया था कि चक्रवर्ती के इस बयान के कारण बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा हुई है। अभिनेता के खिलाफ धारा 153A, 504, 505 और 120B के तहत शिकायत की गई थी। मिथुन चक्रवर्ती ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए दावा किया कि फिल्मों के ऐसे संवाद केवल हास्य-विनोद के लिए बोले गए थे और वह निर्दोष हैं और ऐसे किसी अपराध में शामिल नहीं हैं।