मिजोरम के गृह मंत्री लालचामलियाना ने कहा कि उनकी सरकार हालात सामान्य होने तक असम से लगी सीमा से अपने बलों को नहीं हटाएगी। असम के कछार जिला प्रशासन के मिजोरम सरकार से सीमावर्ती इलाकों से अपने बलों हटाने को कहने के एक दिन बाद गृह मंत्री ने यह बयान दिया। लालचामलियाना ने कहा कि मिजोरम सरकार ने 1875 में बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर), 1873 के तहत अधिसूचित सीमांकन को मिजोरम और असम की वास्तविक सीमा के रूप में स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि यह राज्य की एक ऐतिहासिक सीमा थी, जिसे मिजोरम के पूर्वजों के समय से स्वीकार किया गया है। गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि लैलापुर के कुछ स्थानीय निवासियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर और मिजोरम के बैराबी गांव को असम के हैलाकंदी जिले और मिजोरम के मामित जिले में मेडिली को जोड़ने वाले राजमार्गों को बुधवार से जाम कर रखा है, जिसे असम के अधिकारियों ने उकसाया है। उन्होंने इस पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यह सीमा विवाद का मामला है और इसे साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘सीमाओं के दोनों ओर के लोगों को सद्भाव से रहना चाहिए क्योंकि वर्तमान मुद्दा कोई साम्प्रदायिक मुद्दा नहीं है, बल्कि सीमा को लेकर गतिरोध है, जो पूरी तरह से दोनों पड़ोसी राज्यों की सरकारों पर निर्भर है।’’लालचामलियाना ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित ना हो। इस बीच, कछार जिला प्रशासन ने ट्रक चालकों से मिजोरम की ओर बढ़ने की अपील की थी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार सोनाई के क्षेत्राधिकारी, सुदीप नाथ ने गुरुवार को असम-मिजोरम अंतर राज्यीय सीमा के पास लैलापुर का दौरा किया था और स्थानीय निवासियों तथा ट्रक चालकों के साथ बातचीत की थी। उन्होंने स्थानीय लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग से जाम हटाने और आवाजाही सामान्य करने की अपील भी की थी।