भारत के पड़ोसी देश म्यामां में पिछले काफी समय से राजनीतिक हालात बेहतर नहीं है। ऐसे में म्यामां से लगातार शरणार्थी आ रहे है, जो मिजोरम की सीमा में प्रवेश करके विभिन्न इलाकों में जा रहे है। मिजोरम पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि म्यामां में सेना और विद्रोहियों के बीच लगातार झड़प के बीच देश के चिन प्रांत से मिजोरम के दक्षिणी और पूर्वी सीमाई जिलों में और अधिक शरणार्थी आ रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 12,939 म्यामां के शरणार्थी मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में शरण लिए हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि इनमें से 1,518 म्यामां के लोगों की जानकारियां अभी दर्ज नहीं हुई हैं। उन्होंने बताया कि ये आंकड़े रोजाना बदल रहे हैं, क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में रहनेवाले कुछ लोग नियमित तौर पर यहां प्रवेश करते हैं और फिर लौट जाते हैं।
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पुलिस अधिकारी ने कहा कि म्यामां के लोगों को स्थानीय, सामुदायिक नेता, गैर सरकारी संगठन और गिरजाघर आश्रय और आहार मुहैया करा रहे हैं। मिजोरम पुलिस के आंकड़ों के अनुसार चम्फई, लॉन्गतलाई, सियाहा, सेरचिप, हनाथियाल और सैतुल में 9,411 शरणार्थियों ने शरण ली हुई है। आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा चम्फई जिले में 5,998 शरणार्थी हैं जबकि 1,622 राज्य की राजधानी आइजोल में हैं।
यंग मिजो एसोसिएशन के तुइपुरियाल इकाई के अध्यक्ष एम सी लालरमेंगा ने बताया कि म्यामां के करीब 2,690 नागरिक तुइपुरियाल इलाके में शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि म्यामां के चिन प्रांत से लगातार शरणार्थी आ रहे हैं और वहां खेतों में फसलों की कटाई के बाद और शरणार्थियों के आने की संभावना है।
