केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी नेता नारायण राणे के विधायक बेटे नितेश राणे ने हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। नितेश राणे ने याचिका दायर करते हुए कोर्ट से जमानत की मांग की है। कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया है, लेकिन सुनवाई की तारीख निश्चित नहीं की।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन और न्यायमूर्ति ए। एस। बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंपीठ के समक्ष वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ‘विशेष उल्लेख’ के नितेश राणे की याचिका पर सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया, हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई के लिए तत्काल कोई निश्चित तारीख नहीं दी।
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पूर्व अटॉर्नी जनरल रोहतगी ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए पीठ के समक्ष कहा था कि उनके मुवक्किल को राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण मुकदमे में फंसाया जा रहा है। महाराष्ट्र के कंकावली से राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी के विधायक नितेश राणे ने इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी, जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
महाराष्ट्र के कंकावली निवासी संतोष परब ने विधायक राणे से कथित तौर पर जुड़े कुछ लोगों द्वारा अपने साथ मारपीट के बाद इस घटना के संबंध में पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस को दी तहरीर में घटना गत वर्ष दिसंबर में सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान की बताई गई है।