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Modi सरकार के मंत्री की सलाह -विजय माल्‍या की तरह बनो स्‍मार्ट

केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने आदिवासियों को प्रोत्साहित करने के लिए भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का उदाहरण दिया। ओराम ने शुक्रवार को हैदराबाद में राष्ट्रीय

केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने आदिवासियों को प्रोत्साहित करने के लिए भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का उदाहरण दिया। ओराम ने शुक्रवार को हैदराबाद में राष्ट्रीय जनजातीय आंत्रप्रेन्योर कॉन्क्लेव 2018 में कहा, ”लोग विजय माल्या की आलोचना करते हैं लेकिन कौन है माल्या? वह एक स्मार्ट व्यक्ति है।

उरांव ने लोगों से कहा कि विजय माल्या ने चाहे कितने भी गलत काम किए हों लेकिन इन सबसे पहले उसने अपने कारोबार को सफल बनाया था। उसकी सफलता प्रेरित करने वाली है। वह एक स्मार्ट व्यक्ति है, उसने पहले तो बुद्धिमान लोगों को काम के लिए रखा और बाद में बैंकों, सरकार और राजनीतिज्ञों को आपने प्रभाव में लिया।’

उसने पहले तो होशियार लोगों को काम के लिए रखा और बाद में बैंकों, सरकार और राजनीतिज्ञों को अपने प्रभाव में लिया। उन्होंने लोगों से कहा कि सिर्फ हार्डवर्क मत करो, स्मार्ट बनो। आपको बता दें कि विजय माल्या भारतीय बैंकों के हजारों करोड़ रुपये लेकर विदेश में रह रहा है।

उन्होंने कहा कि हालांकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को शिक्षा, नौकरियों और राजनीति में आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन नुकसान यह है कि ज्ञान और प्रतिभा के संदर्भ में उनके साथ अन्यों के बराबर व्यवहार नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि हमें उद्यमी बनना चाहिए, हमें बुद्धिमान बनना चाहिए। हमें स्मार्ट बनना चाहिए. हमें जानकारी हासिल करनी चाहिए. सूचना शक्ति है। जिनके पास जानकारी है, वे सत्ता को नियंत्रित करते हैं।’

उन्होंने कहा कि आप लोग विजय माल्या की आलोचना करते हैं। लेकिन विजय माल्या क्या है? वह बुद्धिमान है। उसने कुछ बुद्धिमान लोगों को नौकरी पर रखा. उसने यहां और वहां बैंककर्मियों, राजनेताओं, सरकार के साथ इधर उधर किया। ओराम ने पूछा , ‘उसने (माल्या) उन्हें खरीदा। किसने आपको (स्मार्ट होने से) रोका है ? आदिवासियों से व्यवस्था को प्रभावित नहीं करने के लिए किसने पूछा ? किसने आपको बैंककर्मियों को प्रभावित करने से रोका।’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा है कि एससी और एसटी लम्बे समय तक रोजगार पाने वाले नहीं रहने चाहिए बल्कि वे रोजगार देने वाले होने चाहिए। हमें उनकी इच्छा को पूरा करना चाहिए। एक मंत्री के रूप में इसके लिए मैं प्रतिबद्ध हूं।’

हालांकि, बाद में मंत्री ने सफाई दी कि मैंने घटनावश विजय माल्या का नाम लिया। मुझे किसी और का नाम लेना चाहिए था। मुझे उसका नाम नहीं लेना चाहिए था, यह मेरी गलती थी।

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