बेंगलुरू : कर्नाटक के मुख्यमंत्री के. सिद्धारमैया ने अपनी सरकार पर बोले गए हमलों को लेकर नरेन्द्र मोदी पर आज पलटवार किया और उन पर झूठे बयान देने का आरोप लगाया। साथ ही, उन्होंने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लिए नैतिक रूप से उपयुक्त नहीं हैं। भाजपा की कल यहां एक रैली में मोदी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘वह (मोदी) प्रधानमंत्री के रूप में नहीं बोला। उन्होंने सच को छिपाने के लिए झूठे बयान दिए हैं और बेबुनियाद एवं गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाए हैं।’’ मुख्यमंत्री ने राजस्थान उपचुनावों के नतीजों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है।’’ गौरतलब है कि इन उपचुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को कांग्रेस के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा, जहां कांग्रेस ने लोकसभा की दोनों सीटें और विधानसभा की एक सीट पर जीत हासिल की। सिद्धारमैया का यह पलटवार मोदी के इस बयान के बाद आया है, जिसके तहत उन्होंने कहा था कि सिद्धारमैया सरकार के सत्ता से बाहर होने की उलटी गिनती शुरू हो गई है और यह निकास द्वार पर खड़ी है।
दरअसल, मोदी ने कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगूल फूंकते हुए सिद्धारमैया सरकार पर भ्रष्टाचार के नये रकार्ड बनाने का आरोप लगाया था और इसे ‘10 फीसदी कमीशन वाली सरकार बताया था।’ सिद्धारमैया ने इसे सर्वाधिक बेबुनियाद और गैरजिम्मेदाराना आरोप बताया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि उनके पास इसे साबित करने के लिए साक्ष्य हैं तो उन्हें इस बारे में दस्तावेज पेश करने चाहिए कि किस परियोजना या योजना के तहत भ्रष्टाचार हुआ।’’ उन्होंने मोदी के लगाए आरोपों का बिंदुवार खंडन करते हुए कहा कि मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री राज्य के लोगों से झूठ बोला और गलत सूचना देकर उन्हें गुमराह किया। उन्होंने कहा‘‘मेरे मुताबिक उन्होंने अपने पद की गरिमा कमतर की है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि मोदी प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लायक हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मुताबिक वह प्रधानमंत्री बने रहने के लिए नैतिक रूप से उपयुक्त नहीं हैं।’’
भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों पर सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रमुख बी एस येदियुरप्पा रैली में मोदी के पास ही बैठे हुए थे और प्रधानमंत्री को पता होना चाहिए कि येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री रहने के दौरान क्या कुछ हुआ था। उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा जेल गए थे और इसी तरह से भाजपा के पूर्व मंत्री के. सुब्रमण्य नाडू, कृष्णैया शेट्टी, जनार्दन रेड्डी भी भाजपा शासन के दौरान जेल गए थे। सिद्धारामैया ने कहा कि जेल जा चुके और लूट में शामिल व्यक्ति (संभवत: येदियुरप्पा की ओर इशारा करते हुए) को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करना कर्नाटक के लोगों के प्रति असम्मान को दर्शाता है। उन्होंने कहा गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान नौ साल तक लोकायुक्त नियुक्त नहीं किया गया। ऐसा इसलिए नहीं किया गया कि कहीं उनके कथित भ्रष्टाचार उजागर ना हो जाएं और उद्योगपतियों को की गई उनकी अवैध मदद ना बेनकाब हो जाए। यहां तक कि, केंद्र की सत्ता में आने के बाद उन्होंने अबतक लोकपाल नियुक्त नहीं किया है।
उन्होंने भाजपा के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि उनकी सरकार ने जिहादी ताकतों के प्रति नरम रूख अपनाया है, जिन पर हिंदुओं, भाजपा और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं की हत्या का इसने आरोप लगाया है। सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘मोदी को देश में उन 10 राज्यों की जांच करनी चाहिए, जहां कानून व्यवस्था बदतर है।’’ उन्होंने दावा किया कि इस सूची में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और महाराष्ट्र तथा बिहार(जदयू के साथ गठजोड़ वाला शासन) इस सूची में शीर्ष पर हैं। उन्होंने भाजपा प्रमुख अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह एक फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाए गए थे और जेल भी गए थे।
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