भोपाल : तंगहाली से जूझ रहे नगर निगम को तीन महीने में 3 करोड़ से अधिक का राजस्व का नुकसान हुआ है। वार्ड प्रभारी और जोनल अधिकारियों की मिलीभगत से इस गड़बड़ी को अंजाम दिया गया है। यह नुकसान संपत्तिकर जमा करने के मामले में सामने आया है। नगर निगम के सभी 19 जोन में वर्ष 2017-18 में जनवरी से मार्च के बीच उपभोक्ताओं ने करीब 3 करोड़ की रकम जमा कराने के लिए चेक जमा कराया था। लेकिन सभी चेक बाउंस हो गए।
गड़बड़ी यह हुई कि एक दो को छोड़ बाकी के संबंधित वार्ड प्रभारियों और जोनल अधिकारियों ने चेक बाउंस होने के बाद भी रसीद काट दी। यानी निगम के खाते में रकम जमा नहीं हुई फिर भी रसीदें जारी कर दी गईं। गत मार्च में जब ऑडिट शाखा में ब्यौरा भेजा गया, तब भी यह गड़बड़ी पकड़ में नहीं आई। यही नहीं जोन कार्यालयों से राजस्व शाखा में बांउस हुए चेक का रिकार्ड भी नहीं भेजा गया। निगम प्रशासन की तरफ से भी संबंधित वार्ड प्रभारियों व जोनल अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई।
निगम के सूत्र बताते हैं कि उपभोक्ताओं से मिलीभगत कर प्लानिंग के तहत इस गड़बड़ी को अंजाम दिया गया है। यदि इस मामले की जांच की जाए तो 3 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी सामने आ सकती है। बताया जा रहा है कि जोन नंबर 19 में सबसे अधिक बिल्डर हैं। यहां बड़ी संख्या में चेक के माध्यम से संपत्तिकर की रकम जमा कराई गई थी, लेकिन इनमें से एक भी चेक क्लियर नहीं हो पाया। इसी तरह जोन नंबर 13 में 25 लाख के चेक बाउंस हुए हैं। इसी तरह अलग-अलग जोन को मिलाकर 3 करोड़ का नुकसान हुआ है।
चेक बाउंस होने की समस्या के निराकरण के लिए तत्कालीन आयुक्त प्रियंका दास ने चेक सिस्टम बंद करने की कवायद शुरू की थी। लेकिन यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई। जानकारी मांगी है ः-हमने सभी जोन कार्यालयों से बाउंस होने वाले चेक की जानकारी मांगी है। जिन उपभोक्ताओं के चेक बाउंस हुए हैं, उनकी डिमांड राशि में इसे जोड़ा जाएगा। आगे ऐसा न हो इसके लिए स्थाई व्यवस्था पर भी विचार किया जाएगा – रणवीर सिंह, प्रभारी राजस्व व अपर आयुक्त नगर निगम।