बाल विवाह को लेकर लगातार इसका विरोध होता रहता है काफी लंबे समय से बालविवाह को रोकने की मांग उठती रही है। इसलिए इसे रोकने के लिए कानून भी लाया गया लेकिन अभी भी इस कानून की धज्जिायां उड़ाई जा रही है।
एसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकी असम राज्य में बाल विवाह कानून उल्लंघन को लेकर ऐसे आंकड़ें सामने आए हैं जिन्हें देखकर कोई भी हैरान हो जाएगा। इन आकंड़ों के मुताबिक राज्य में अभी तक 4004 मुकदमे सिर्फ और सिर्फ बाल विवाह कानून की धाराओं में दर्ज हुए हैं।
बाल विवाह कानून की धज्जियां उड़ाई गई
इसका मतलब है कि वे मुकदमे हैं जिनमें बाल विवाह कानूनों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। ये आंकड़े न सिर्फ आम आदमी को डरा रहे हैं बल्की राज्य के मुख्यमंत्री खुद भी इन आंकड़ो को सुनकर हैरान है। उन्होंने इन आंकड़ों के सामने आते ही, शुक्रवार यानी 3 फरवरी 2023 से ही सख्त कानूनी एक्शन लेने का आदेश दे दिया है।
असम के मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
बता दें इन आंकड़ो की जानकारी खुद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने एक ट्वीट के जरिए दी है। इसलिए इन आंकड़ों के सामने आते ही मुख्यमंत्री ने कहा है कि, राज्य सरकार शुरु से ही बाल विवाह के खतरों से वाकिफ थी। इसी का नतीजा है कि राज्य की पुलिस ने 4004 मुकदमें सिर्फ और सिर्फ बाल विवाह के दर्ज हुए है।
बालविवाह के 4004 मुकदमें दर्ज
असम राज्य में मौजूद 15 जिलों के अलग अलग थानों में यह 4004 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इन सभी मुकदमों की डिटेल मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी जा चुकी है।
सबसे ज्यादा मुकदमे धुबरी जिले में दर्ज हुए
बाल विवाह कानून के अंतर्गत दर्ज किए गए इन 4004 मुकदमों की बात करें तो 15 जिलों में से सबसे ज्यादा मुकदमे 370 धुबरी जिले में दर्ज हुए हैं। जबकि दूसरे नंबर पर कमिश्नरेट 192 मुकदमे और तीसरे नंबर पर गोलपारा जिला 157 रहा है। पूरे मामलो को लेकर मुख्यमंत्री ने ट्वीट के जरिए कहा है कि 3 फरवरी 2023 से ही इन मुकदमों पर जांच शुरु कर दी जाएगी। मुकदमो के संबंध में विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी। आरोपियों को सख्त सजा मिलेष। इन मुकदमों की तफ्तीशें मजबूत हो। ताकि कोई आइंदा इस बाल विवाह कानून का उल्लंघन करने की सोच भी न सके।