Madhya Pradesh: इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन इससे पहले ही सियासी माहौल में काफी गर्मागर्मी चल रही है। इसके साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ‘‘अधूरे’’ चुनावी वादों का आरोप लगाते हुए एक-दूसरे पर सवालों की बौछार कर रहे हैं।बता दें कि दिसंबर 2018 में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाई थी लेकिन मार्च 2020 में विधायकों के पाला बदलने के कारण सत्ता खो दी। कांग्रेस ने आगामी चुनाव के मद्देनजर कृषि ऋण माफी और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने सहित कई वादे किए हैं।
BJP नेता ने कहा कि उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री चौहान ने लगभग हर रोज विपक्षी दल कांग्रेस पर सवाल उठाने की कड़ी में हाल ही में मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘ कांग्रेस ने फिर से झूठे वादे करने शुरू कर दिए हैं। वह 15 महीने सत्ता में रही और 973 सूत्री घोषणा पत्र जारी किया था।’’भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया। उस समय, भाजपा विपक्ष में थी। अब हम उन झूठे वादों के आधार पर सवाल पूछ रहे हैं क्योंकि चुनावों को देखते हुए कांग्रेस ने फिर से झूठे वादे करने शुरू कर दिए हैं।
जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करना
चौहान ने पूछा, ‘‘ कांग्रेस ने गेहूं, चना, सरसों और चावल सहित कई फसलों पर बोनस देने का वादा किया है। क्या उन्होंने सवा साल के दौरान किसी फसल पर यह दिया था?’’वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चौहान पर पलटवार करते हुए कहा, सुना है कि शिवराज जी मुझसे सवाल पूछ रहे हैं कि हमने कौन सा वादा पूरा किया और कौन सा नहीं किया। अस्थिर मन वाला व्यक्ति ही ऐसे प्रश्न पूछ सकता है। मुख्यमंत्री का काम सवाल पूछना नहीं बल्कि जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करना है। अगर हमारी घोषणाएं जनहित में हैं तो उन्हें उन पर अमल करना चाहिए।
भविष्य के लिए सवालों को सहेज कर रखना
नाथ ने दावा किया कि लोग चौहान को सत्ता से बेदखल कर देंगे और सवाल उठाने का पूरा मौका देगें। उन्हें भविष्य के लिए सवालों को सहेज कर रखना चाहिए।हालांकि, चौहान ने पलटवार करते हुए कहा, ‘शर्म की बात है कि वे सवाल का जवाब देने के बजाय सड़क छाप भाषा में बात कर रहे हैं। वादे पूरे किए हैं तो जवाब दीजिए। आप को घुटन क्यों महसूस हो रही है?चौहान ने कहा कि जब उन्होंने नाथ से सवाल किया, तो वह परेशान हो गए और पूछा कि क्या कोई मुख्यमंत्री सवाल पूछ सकता है।चौहान ने कहा, “नाथ लोगों को गुमराह किए जा रहे हैं, झूठी बातें करते रहते हैं और हमसे उम्मीद करते हैं कि सवाल नहीं करें। कमलनाथ जी आप इधर-उधर की बात मत करो। ये बताओं का काफिला लुटा क्यों।”
किसानों को प्रति लीटर 5 रुपये का बोनस देने का वादा
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अपने 2018 के चुनावी घोषणा पत्र में दूध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर पांच रुपये का बोनस देने का वादा किया था। उन्होंने सवाल किया, क्या आपने 15 महीने में ऐसा किया?नाथ ने चौहान के सवाल का जवाब देने के बजाय भाजपा सरकार द्वारा दूध के प्राथमिक प्रसंस्करण के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 20 लाख रुपये ब्याज मुक्त दीर्घकालिक ऋण देने के वादे के बारे में पूछा।
जन कल्याण का कम से कम एक काम तो हो
कांग्रेस नेता ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी में कहा, उस वादे का क्या हुआ? या आपने दूध के उस वचन को दही में बदल दिया है?”नाथ ने कहा, ‘‘ मैं आपसे फिर से अनुरोध करता हूं कि आप मुख्यमंत्री पद की मर्यादा का पालन करें। गाल बजाना बंद करें और हाथ चलाना शुरू करें।खरीद फरोख्त कर सत्ता में आई आपकी सरकार का जो थोड़ा सा समय बचा है उसमें जन कल्याण का कम से कम एक काम तो कीजिए।’’चौहान ने विभिन्न योजनाओं के बारे में पूछकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कुछ दिन पहले कहा था कि उन्होंने विपक्षी पार्टी के 2018 के चुनाव घोषणा पत्र के आधार पर नाथ से अब तक 10 सवाल पूछे हैं।