मध्यप्रदेश में युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार ने ‘मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के तहत युवाओं को स्वयं का उद्योग, सेवा या व्यवसाय स्थापित करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा यह योजना लागू की गई है। विभाग के सचिव पी. नरहरि के मुताबिक इस नई योजना में विनिर्माण इकाई और उद्यम स्थापित करने वाले युवाओं को एक से 50 लाख जबकि सेवा क्षेत्र के लिए एक लाख से 25 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना का लाभ केवल नवीन उद्यमों की स्थापना के लिए होगा। योजना के प्रावधान सभी वर्गों के आवेदकों के लिये समान रहेंगे।
इन योग्यताओं का होना है जरूरी
सचिव ने बताया कि, योजना में वित्तीय सहायता के लिए आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष तथा शैक्षणिक योग्यता के रूप में न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि आवेदक का परिवार आयकर दाता है तो उसे पिछले तीन वर्षों की आयकर विवरणियां आवेदन के साथ संलग्न करनी होंगी। उन्होंने बताया कि, वित्तीय सहायता में ब्याज अनुदान योजनान्तर्गत सभी वर्ग के हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित शेष ऋण पर तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान, अधिकतम सात वर्षों तक दिया जायेगा। जिस अवधि के दौरान हितग्राही का ऋण खाता एन.पी.ए. बना रहता है, उस अवधि के लिए कोई ब्याज अनुदान स्वीकार्य नहीं होगा।
पोर्टल के माध्यम से होगा योजना का क्रियान्वयन
नरहरि ने बताया कि, ब्याज अनुदान की राशि प्रतिपूर्ति वार्षिक आधार पर दी जायेगी। योजना का क्रियान्वयन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा किया जायेगा। बताया गया है कि, पूर्व संचालित मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, युवा उद्यमी, कृषक उद्यमी योजनाओं में सात वर्षों तक ब्याज अनुदान तथा ऋण गारंटी शुल्क अनुदान का प्रावधान होने के कारण इन पूर्ववर्ती योजनाओं के हितग्राहियों को इसका लाभ यथावत पूर्व प्रावधानों के अनुसार प्राप्त होता रहेगा। योजना का क्रियान्वयन समेकित पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।