मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों ने अपनी सुरक्षा में केंद्रीय सुरक्षा बलों (CRPF) को तैनात करने की मांग की है। बता दें कि मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद से ही मध्य प्रदेश सरकार में उथल-पुथल का सिलसिला आरम्भ हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कांग्रेस के बागी 22 विधायकों ने भी अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
इनमें से छह विधायकों का इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष एन.पी. प्रजापति ने मंजूर कर लिया है। साथ ही कांग्रेस के बेंगलुरू में मौजूद कई बागी विधायकों ने संदेश जारी कर विधानसभा अध्यक्ष से सुरक्षा बलों को तैनात करने का अनुरोध किया है। वहीं कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे दबाव में जारी किए जाने की बात कही है। संदेश में विधायकों ने कहा विधानसभा अध्यक्ष ने हमें उपस्थित होने का नोटिस दिया है। हमें जानकारी मिली है। लेकिन हम अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
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भोपाल आने पर सुरक्षा को लेकर संशय है। इसलिए जरूरी है कि हमारी सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की मदद ली जाए। कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने कहा, विधायकों से यह संदेश दबाव में दिलवाए गए हैं। जो वीडियो सामने आए हैं उनमें विधायक के साथ दूसरे व्यक्ति की फुसफुसाती आवाज बताती है कि ये वीडिया सिखा-पढ़ाकर बनाए गए हैं।
गौरतलब है कि गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया के अलावा विधायक हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरराज दंडौतिया, रक्षा संतराम सिरौनिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव ने इस्तीफे दे दिए हैं। विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापित ने इनमें से छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं।