मध्य प्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के खिलाफ करीब साढे पांच महीने पहले मामला दर्ज करने के लिए पुलिस को लिखित शिकायत करने वाले वन विभाग के उप रेंजर राम सुरेश दुबे को जाली दस्तावेज के आधार पर पदोन्नति पाने के आरोप में निलंबित किया गया है।
इंदौर वन मंडल अधिकारी नरेंद्र पांड्या ने बताया, ‘‘कर्मचारी मुकेश यादव ने राम सुरेश दुबे के खिलाफ लिखित शिकायत की है कि उसने (दुबे) जाली दस्तावेज पेश किए हैं और वन रक्षक से डिप्टी रेंजर के पद पर पदोन्नति पाई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि यह शिकायत कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान आई, इसलिए इस आरोप की जांच करने में समय लगा। यह आरोप सही पाए गए हैं, जिसके बाद उसे दो दिन पहले निलंबित किया गया है।’’
वहीं, इस बारे में संपर्क किए जाने पर दुबे ने बताया, ‘‘जब से मैंने इस साल जनवरी में मध्य प्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के खिलाफ शिकायत की है, तब से वरिष्ठ अधिकारी एवं स्थानीय नेता मेरे पीछे लगे हुए हैं। मेरे वरिष्ठ अधिकारी मेरी एक छोटी सी भी गलती तब से लगातार ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे क्षेत्राधिकार में आने वाली वन भूमि में कोई अतिक्रमण तो नहीं है, इसकी तलाश में भी टीमें आईं, लेकिन उन्हें कोई गड़बड़ी नहीं मिली। आखिर में उन्होंने मेरे एक सहकर्मी द्वारा मुझ पर लगाए गए जाली दस्तावेज के झूठे आरोप पर निलंबित कर दिया।’’ दुबे ने कहा, ‘‘मैं हार नहीं मानूंगा। मैं उसी तरह से अदालत में इसके खिलाफ भी एक याचिका दायर करूंगा, मैंने अपने तबादले के खिलाफ की थी, जिसके बाद इस मार्च में अदालत के निर्देश के बाद मेरा तबादला निरस्त कर दिया गया था।’’
गौरतलब है कि दुबे ने इस साल जनवरी में पुलिस को लिखित शिकायत सौंपी थी, जिसमें उन्होंने मंत्री उषा ठाकुर के खिलाफ अवैध खुदाई के मामले में जब्त मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली वन विभाग के परिसर से जबरन छुड़ाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पुलिस से अनुरोध किया था। ठाकुर महू सीट से भाजपा विधायक हैं। इसके कुछ ही दिनों बाद इस साल जनवरी में दुबे का तबादला बड़गोंदा से मानपुर उप रेंज कर दिया गया था।